Monday, December 8

सफलता की कहानी: दादा ने गिरवी रख दिया घर, पोते ने ₹1 लाख से शुरू किया कारोबार और अब कमा रहे हैं ₹60 लाख सालाना

हैदराबाद के उद्यमी विश्वनाथ अकुथोटा की सफलता की कहानी सिर्फ एक बिजनेस की सफलता नहीं है, बल्कि यह एक पीढ़ी के संघर्ष, त्याग और नवाचार की भी कहानी है। तेलंगाना के एक साधारण परिवार में जन्मे विश्वनाथ ने अपने जीवन के शुरुआती सालों में कई कठिनाइयों का सामना किया। आज, पांच साल बाद, उन्होंने अपनी कंपनी डॉ. पिनेकल के जरिए एक नई ऊंचाई हासिल की है, जो एआई और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में टॉप एडवाइजर के रूप में उभर कर सामने आई है।

दादा ने गिरवी रख दिया था घर

विश्वनाथ का बचपन तेलंगाना के एक छोटे से जिले में बीता, जहां उनके पिता बीएसएनएल में काम करते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति उतनी मजबूत नहीं थी, लेकिन उनके दादा ने शिक्षा के महत्व को समझा और अपने पोते के भविष्य के लिए एक बड़ा कदम उठाया। उन्होंने अपने परिवार का घर गिरवी रख दिया ताकि विश्वनाथ की पढ़ाई का खर्च वहन कर सकें। यह त्याग विश्वनाथ ने कभी नहीं भुलाया।

अमेरिका से मास्टर डिग्री और 20 लाख रुपये की सैलरी

2014 में, उन्हें अमेरिका से मास्टर डिग्री हासिल करने का मौका मिला। इस दौरान, वे सालाना ₹20 लाख कमाने लगे। लेकिन विश्वनाथ को जल्दी ही एहसास हुआ कि केवल चेक भुनाने से वह खुश नहीं हैं। वे अपने ज्ञान और अनुभव को समाज की सेवा में लगाना चाहते थे। यही वजह थी कि उन्होंने अमेरिका में अपने करियर को छोड़कर भारत वापस लौटने का निर्णय लिया।

2020 में शुरू किया अपना कारोबार

2020 में, विश्वनाथ ने डॉ. पिनेकल की नींव रखी, जो एक एआई कंसल्टिंग फर्म है। उन्होंने एआई सिस्टम के सत्यापन, शासन और सुरक्षा के लिए अपनी कंपनी शुरू की। डॉ. पिनेकल का उद्देश्य एआई मॉडल की विश्वसनीयता बनाए रखना और उसे सुरक्षित रखना है। कंपनी का नाम ‘पिनेकल’ इसलिए रखा गया, क्योंकि इसका अर्थ ‘सर्वोच्च शिखर’ होता है। उनका उद्देश्य एआई को शीर्ष पर और स्वस्थ रखना था।

सिर्फ ₹1 लाख से शुरुआत

विश्वनाथ ने अपनी कंपनी की शुरुआत ₹1 लाख की पूंजी से की। वे बाहरी फंडिंग के बजाय बूटस्ट्रैपिंग के माध्यम से अपने व्यवसाय को शुरू करने में विश्वास रखते थे। उन्होंने वेबसाइट और ब्रांड रजिस्ट्रेशन के लिए केवल ₹1 लाख का निवेश किया और अकेले काम करना शुरू किया।

कोविड के दौरान आया टर्निंग पॉइंट

2020 में जब कोरोना महामारी फैल गई, तब उन्होंने एक इंटरव्यू में खुद को नौकरी के बजाय एक एआई कंसल्टेंट के रूप में पेश किया। यही कदम उनके लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। उन्हें पहला ग्राहक मिला और उन्होंने दो साल तक इस क्लाइंट के साथ काम किया। इससे स्टार्टअप को विश्वसनीयता मिली और पहला बड़ा मौका मिला। पहले दो वर्षों में उनकी कंपनी ने करीब ₹18-20 लाख सालाना कमाए।

आज कमाई ₹60 लाख सालाना

आज, डॉ. पिनेकल आठ सक्रिय ग्राहकों को सेवा प्रदान कर रही है और सालाना ₹60-65 लाख की आय अर्जित कर रही है। विश्वनाथ की टीम 6-10 सदस्यों की है और ग्राहक संबंधों के माध्यम से उनकी कंपनी स्थिरता हासिल करने में सफल रही है। अब वे वैश्विक स्तर पर एआई और साइबर सुरक्षा के एक प्रमुख सलाहकार के रूप में उभर चुके हैं।

भविष्य की योजना

विश्वनाथ का अगला लक्ष्य यूरोप और अमेरिका जैसे वैश्विक बाजारों में अपनी कंपनी का विस्तार करना है। वे चाहते हैं कि उनका स्टार्टअप एआई गवर्नेंस के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाए। उनका मानना है कि जैसे-जैसे एआई का प्रभाव बढ़ेगा, एआई के लिए सुरक्षा और गवर्नेंस की आवश्यकता भी बढ़ेगी, और उनकी कंपनी इस अंतर को भरने के लिए तैयार है।

निष्कर्ष:
विश्वनाथ अकुथोटा की सफलता इस बात का प्रमाण है कि अगर आपके पास दृढ़ संकल्प, सही दृष्टिकोण और संघर्ष की भावना हो, तो कोई भी मुश्किल रास्ता पार किया जा सकता है। उनके स्टार्टअप ने यह दिखा दिया कि एक छोटे से निवेश से भी सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा जा सकता है, बस जरूरत है सही दिशा में काम करने की।

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