Monday, December 8

150 देशों के लोगों को ऐपल-गूगल की चेतावनी, फोन में घुसने की कोशिश कर रहा जासूसी सॉफ़्टवेयर, बचने के लिए करें ये जरूरी काम

नई दिल्ली: दुनिया की प्रमुख टेक कंपनियों, ऐपल और गूगल ने हाल ही में 150 देशों के कुछ यूज़र्स को साइबर सुरक्षा के बारे में चेतावनी दी है। कंपनियों ने कहा है कि उनका डिवाइस हैक करने की कोशिश की जा रही है और इसके लिए खतरनाक जासूसी सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह हमला संभवतः सरकारों से जुड़े हैकर्स द्वारा किया जा रहा है, जो गोपनीय डेटा की चोरी करने की कोशिश कर रहे हैं।

हैकर्स का टारगेट कौन हैं?

ऐपल और गूगल दोनों ने अपने यूज़र्स को ऐसे सॉफ़्टवेयर से सतर्क किया है जो मोबाइल डिवाइस में चुपके से घुसकर महत्वपूर्ण जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं। ये हमले आम चोरी की तरह नहीं होते, बल्कि इसमें महंगे और उच्च-स्तरीय जासूसी टूल्स का इस्तेमाल किया जाता है। गूगल ने 3 दिसंबर को अपनी रिपोर्ट में बताया कि इंटेलेक्सा नाम का एक जासूसी सॉफ़्टवेयर कई देशों में सक्रिय है, और वह सैकड़ों अकाउंट्स को निशाना बना रहा है। पाकिस्तान, कज़ाखस्तान, सऊदी अरब, मिस्र, और ताजिकिस्तान जैसे देशों में यह सॉफ़्टवेयर सक्रिय है।

क्या कर सकता है जासूसी सॉफ़्टवेयर?

जासूसी सॉफ़्टवेयर फोन में घुसकर बिना यूज़र को बताए उसकी मैसेजेस, फोटोज, लोकेशन, कॉल रिकॉर्डिंग, पासवर्ड आदि तक पहुंच सकता है। कभी-कभी यह सॉफ़्टवेयर डिवाइस के कैमरा और माइक को भी सक्रिय कर सकता है, ताकि हैकर्स यूज़र की पूरी गतिविधियों की जानकारी प्राप्त कर सकें।

सरकारें अब कार्रवाई करेंगी

जब भी ऐपल और गूगल इस तरह की चेतावनी जारी करते हैं, तो आमतौर पर विभिन्न देशों की सरकारें और सुरक्षा एजेंसियां इस पर जांच शुरू कर देती हैं। यूरोपीय संघ जैसे देशों में ऐसे साइबर हमलों को लेकर पहले भी सख्त कार्रवाई की गई है, खासकर जब उच्च-स्तरीय अधिकारियों के फोन हैक हुए थे। साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि इन कंपनियों की चेतावनियां हैकर्स के लिए नुकसानदेह साबित होती हैं, क्योंकि इससे उनकी गतिविधियां उजागर हो जाती हैं।

गोपनीयता और सुरक्षा का नया विवाद

इस चेतावनी के बाद एक बार फिर गोपनीयता और सुरक्षा को लेकर बहस शुरू हो गई है। एक ओर जहां देशों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है, वहीं दूसरी ओर व्यक्तिगत गोपनीयता का मुद्दा भी उठता है। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि दुनिया भर के देशों को मिलकर साइबर जासूसी सॉफ़्टवेयर पर नियम बनानी चाहिए, ताकि आम लोगों की गोपनीयता सुरक्षित रहे।

बचाव के लिए क्या करें?

ऐपल और गूगल ने यूज़र्स को सुझाव दिया है कि यदि आपको ऐसा कोई मैसेज प्राप्त होता है, तो आपको तुरंत निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:

  1. फोन को तुरंत अपडेट करें
  2. पासवर्ड बदलें
  3. दो-चरणीय सुरक्षा (Two-step verification) को सक्रिय करें।
  4. अनजान लिंक पर क्लिक न करें

ये कदम आपको जासूसी सॉफ़्टवेयर से बचाने में मदद कर सकते हैं और आपकी डिजिटल सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं।

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