
श्रावस्ती में सड़क हादसे के घायलों के उपचार में लापरवाही और सीएचसी में सुई-धागा बाहर से मंगाने के आरोपों को लेकर पिछले 22 दिनों से जारी धरना गुरुवार को उग्र हो गया। पीड़ित परिवारों के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) और भीम आर्मी के कार्यकर्ता भी मैदान में उतर आए, जिसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया।
NH-730 जाम करने की कोशिश, पुलिस ने रोका
गुरुवार दोपहर भाकियू और भीम आर्मी के कार्यकर्ता संजय पार्क से निकलकर नेशनल हाईवे-730 जाम करने के लिए आगे बढ़ने लगे।
स्थिति बिगड़ती देख पुलिस क्षेत्राधिकारी इकौना मौके पर पहुंचे और कार्यकर्ताओं को समझाकर वापस धरना स्थल लाए।
इसके बाद कार्यकर्ताओं की मांग पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. अशोक कुमार सिंह संजय पार्क पहुंचे और जमीन पर बैठकर करीब दो घंटे वार्ता चली।
दो दिन में मजिस्ट्रेट जांच, अधीक्षक छुट्टी पर रहेंगे
वार्ता में यह सहमति बनी कि—
- मामले की मजिस्ट्रेट स्तर पर निष्पक्ष जांच दो दिनों में शुरू की जाएगी
- जांच पूरी होने तक सीएचसी अधीक्षक अवनीश कुमार तिवारी छुट्टी पर रहेंगे
- जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई उच्च अधिकारी करेंगे
CMO द्वारा सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद ही उन्हें धरना स्थल छोड़ने की अनुमति दी गई।
17 अक्टूबर के हादसे से शुरू हुआ था विवाद
पूरा विवाद 17 अक्टूबर को इकौना बाईपास पर हुए भीषण सड़क हादसे से जुड़ा है, जिसमें कई लोग घायल हुए थे।
आरोप है कि इकौना सीएचसी के अधीक्षक टोके लगाने के लिए जरूरी सुई-धागा बाहर के मेडिकल स्टोर से मंगाते रहे, जो स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।
इसी के विरोध में पीड़ित परिवार 12 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।
CMO के पहुंचते ही उफना गुस्सा
जब आंदोलन शुरू होने के 22 दिन बाद पहली बार CMO धरना स्थल पर पहुंचे, तो लोगों का गुस्सा भड़क उठा।
कार्यकर्ताओं और पीड़ित परिवारों ने
“CMO और भ्रष्ट तंत्र” के खिलाफ नारेबाजी की और अधीक्षक के निलंबन की मांग दोहराई।
किसानों ने CMO को अपने साथ जमीन पर बैठाकर ही वार्ता शुरू की, जो घंटों तक चली।
स्थिति तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद स्थिति नियंत्रण में है।
जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति और हादसे के बाद की लापरवाही को लेकर लोगों का आक्रोश लगातार बढ़ रहा है।