
सहारा समूह की को-ऑपरेटिव समितियों में निवेश करने वाले लाखों लोगों के लिए राहत की खबर है। कई सालों से फंसा करोड़ों रुपये का पैसा वापस पाने का इंतजार कर रहे निवेशकों को अब राहत मिलने लगी है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीआरसीएस सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया है, जिसके माध्यम से निवेशक घर बैठे अपना दावा दर्ज कर सकते हैं।
सरकार के मुताबिक, सहारा समूह की चार प्रमुख को-ऑपरेटिव सोसाइटीज—
- Sahara Credit Cooperative Society Ltd (लखनऊ)
- Saharayan Universal Multipurpose Society Ltd (लखनऊ)
- Hamara India Credit Cooperative Society Ltd (कोलकाता)
- Stars Multipurpose Cooperative Society Ltd
में निवेश करने वाले जमाकर्ताओं को रिफंड दिया जाएगा।
कितने निवेशकों को मिलेगा फायदा?
सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 5.43 करोड़ निवेशकों ने अपने दावे दर्ज किए, जिनमें से 26 लाख से अधिक निवेशकों को 5,053 करोड़ रुपये वापस किए जा चुके हैं। अनुमान है कि दिसंबर 2026 तक करीब 32 लाख निवेशक अपना दावा पोर्टल के माध्यम से दाखिल कर देंगे।
सहारा पर आरोप था कि उसकी कंपनियों ने 24,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अवैध रूप से जुटाई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सेबी-सहारा एस्क्रो खाता बनाया गया, जिससे अब भुगतान किए जा रहे हैं।
क्या है CRCS Sahara Refund Portal?
यह सरकार द्वारा तैयार किया गया एक सुरक्षित और पारदर्शी पोर्टल है, जहां निवेशक बिना किसी मध्यस्थ के सीधे रिफंड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
सबसे खास बात—अगर किसी निवेशक ने चारों समितियों में निवेश किया है, तो उसे सिर्फ एक ही फॉर्म भरना होगा।
रिफंड पाने की आसान प्रक्रिया — ऐसे करें आवेदन
- पोर्टल के होमपेज पर जाएं और ‘Registration’ पर क्लिक करें।
- अपना आधार नंबर और आधार से लिंक मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- कैप्चा भरकर ‘Get OTP’ पर क्लिक करें।
- मोबाइल पर आए ओटीपी को वेरिफाई करें।
- रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद ‘Depositor Login’ में जाएं।
- फिर से ओटीपी वेरिफिकेशन करें—आपकी सारी जानकारी स्वतः भरकर आ जाएगी।
- अब ‘Claim Form’ पर जाकर अपनी समिति चुनें, निवेश विवरण भरें और पासबुक/सर्टिफिकेट का नंबर दर्ज करें।
कुछ ही समय में आपका दावा प्रोसेस कर दिया जाएगा।
क्यों महत्वपूर्ण है यह कदम?
लंबे समय से अपने पैसों की वापसी को लेकर परेशान निवेशकों के लिए यह पोर्टल उम्मीद की नई किरण लेकर आया है। सरकार का दावा है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित और पारदर्शी है, और आने वाले महीनों में लाखों जमाकर्ताओं को उनका हक मिल जाएगा।