
Apollo के डॉक्टर ने बताए एसिड रिफ्लक्स के 4 असरदार देसी नुस्खे**
सर्दियों के साथ खान-पान में बदलाव और तनाव बढ़ने से लोगों में एसिड रिफ्लक्स की समस्या तेजी से देखने को मिल रही है। सीने में जलन, खट्टी डकार, चेस्ट पेन और पेट का खाना मुंह में वापस आना इसके आम लक्षण हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, पेट और इसोफेगस के बीच स्थित LES मांसपेशी के कमजोर होने पर पेट का तेजाब ऊपर आने लगता है, जिससे यह परेशानी बढ़ जाती है।
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. राजीव शांडिल बताते हैं कि सही खान-पान और जीवनशैली में बदलाव करके एसिड रिफ्लक्स को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने घरेलू स्तर पर अपनाए जा सकने वाले 4 आसान उपाय बताए हैं।
किन चीज़ों से बचें?
डॉक्टर के अनुसार कुछ खाद्य पदार्थ पेट में एसिड बढ़ाने का काम करते हैं। इनमें—
- चाय-कॉफी
- खट्टे फल
- चॉकलेट
- पुदीना
- मसालेदार और तली हुई चीजें
इनका सेवन कम करने से सीने की जलन और खट्टी डकार में काफी राहत मिलती है।
एसिड रिफ्लक्स में राहत देने वाले 4 देसी नुस्खे
1. रात का खाना समय पर खाएं
सोने से कम-से-कम ढाई घंटे पहले रात का भोजन कर लें। खाना खाकर तुरंत लेटने से एसिड ऊपर चढ़ता है, इसलिए खाने के बाद थोड़ी देर टहलना बेहतर है।
2. दिनभर छोटे-छोटे भोजन करें
पेट लंबे समय तक खाली न रखें। हर तीन घंटे में हल्का स्नैक—जैसे केला, सादे बिस्कुट या सैंडविच—लेना फायदेमंद है। दिन में 4–5 छोटे भोजन एसिड को नियंत्रित रखते हैं।
3. सोने की सही पोजीशन अपनाएं
GERD वाले मरीजों को सिर ऊंचा रखकर सोना चाहिए। बाईं करवट सोना भी फायदेमंद रहता है, जबकि दाईं करवट या पेट के बल सोना रिफ्लक्स बढ़ा सकता है।
4. वजन कम करें
पेट पर चर्बी बढ़ने से एसिड ऊपर आने लगता है। इसलिए वजन कम करना सबसे असरदार उपाय माना जाता है। डॉक्टर के अनुसार, अपनी लंबाई (सेमी में) में से 100 घटाकर आदर्श वजन का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
इलाज न करने पर बढ़ सकते हैं खतरे
अगर एसिड रिफ्लक्स लंबे समय तक बना रहे तो इसोफेगस में सूजन, घाव और संकुचन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कई मरीजों में लगातार गले में खराश, खांसी, फेफड़ों में इंफेक्शन या निगलने में दिक्कत भी देखने को मिलती है।