Tuesday, December 2

सहारनपुर जातीय हिंसा मामला: चंद्रशेखर रावण की याचिका पर फैसला सुरक्षित, अलग मुकदमे की संभावना

सहारनपुर/प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भीम आर्मी प्रमुख और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण के खिलाफ 2017 में सहारनपुर के रामनगर में हुई जातीय हिंसा से जुड़े चार आपराधिक मामलों को रद्द करने की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन की एकलपीठ ने दिया।

मामले की पृष्ठभूमि के अनुसार, 8 मई 2017 को रामनगर में हिंसा भड़क गई थी। इसके बाद शिकायतकर्ता सुनील कुमार गुप्ता ने अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी। जांच के दौरान पुलिस ने चार अलग-अलग एफआईआर दर्ज की और चार्जशीट दाखिल की। कुल 14 लोगों को आरोपित बनाया गया, जिनमें चंद्रशेखर रावण का भी नाम शामिल है।

चंद्रशेखर आजाद के वकील सुशील शुक्ला ने कोर्ट में तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार एक ही घटना से जुड़ी सभी शिकायतों को एक ही मुकदमे में जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक ही घटना के आधार पर अलग-अलग एफआईआर दर्ज करना कानून के सिद्धांतों के खिलाफ है।

इसके विपरीत, राज्य सरकार के शासकीय अधिवक्ता ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि चारों घटनाएं अलग-अलग हैं, उनके शिकायतकर्ता और घटनास्थल भिन्न हैं, इसलिए हर मामले की अलग-अलग सुनवाई न्यायसंगत है।

फिलहाल, हाईकोर्ट ने याचिका पर निर्णय सुरक्षित रख लिया है और मामला अगले सुनवाई में स्पष्ट होगा कि क्या चारों एफआईआर को एक मुकदमे में जोड़ा जाएगा या अलग-अलग मुकदमे चलते रहेंगे।

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