
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में विशेषज्ञ चिकित्सक और मेडिकल शिक्षकों की भर्ती अब और सरल एवं तेज़ होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में “विशेषज्ञ चिकित्सक एवं चिकित्सा शिक्षक भर्ती बोर्ड” के गठन को मंजूरी दे दी गई है।
बोर्ड के गठन के बाद भर्ती प्रक्रिया बाधामुक्त और समय पर पूरी की जा सकेगी। अब विज्ञापन निकालने, भर्ती परीक्षा कराने और रिजल्ट घोषित कर इंटरव्यू एवं नियुक्ति की सभी औपचारिकताएं तेज़ी से पूरी होंगी। इसका सबसे बड़ा लाभ विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे सरकारी अस्पताल और राज्य के मेडिकल कॉलेजों को होगा।
पहले यूपी लोक सेवा आयोग के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया में 8-10 महीने लग जाते थे और नियुक्ति में छह महीने से अधिक का समय लग जाता था। इस देरी के कारण चयनित विशेषज्ञ चिकित्सक कई बार अन्य संस्थानों में जॉइन कर लेते थे। नए बोर्ड के गठन से हर मेडिकल कॉलेज के लिए अलग भर्ती प्रक्रिया करने की आवश्यकता नहीं होगी। बोर्ड एक साथ सभी कॉलेजों की जरूरत के अनुसार भर्ती परीक्षा आयोजित करेगा और मेरिट सूची के अनुसार नियुक्तियां की जाएंगी।
साथ ही, कैबिनेट ने शाहजहांपुर, भदोही और गोरखपुर में नए विश्वविद्यालयों की स्थापना का भी मार्ग प्रशस्त किया। शाहजहांपुर में मुमुक्ष आश्रम ट्रस्ट की संस्थाओं को विश्वविद्यालय में अपग्रेड किया जाएगा, भदोही में काशी नरेश पीजी कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा मिलेगा और गोरखपुर में वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा प्रदेश का पहला वानिकी एवं औद्यानिकी विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा।
इस कदम से न केवल भर्ती प्रक्रिया तेज़ होगी बल्कि राज्य में उच्च शिक्षा और चिकित्सा सेवा की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।