
कानपुर। पहलगाम आतंकी हमले में कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी की शहादत के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा समयबद्ध तरीके से चार्जशीट दाखिल किए जाने पर उनकी पत्नी ऐशान्या द्विवेदी ने संतोष और आभार व्यक्त किया है। उन्होंने भारत सरकार, NIA, जांच अधिकारियों और सशस्त्र बलों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस त्वरित कार्रवाई से पीड़ित परिवारों को बड़ी राहत मिली है।
ऐशान्या द्विवेदी ने कहा कि हमले के बाद सरकार ने लगातार और ठोस कदम उठाए। ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव के जरिए आतंकियों को सख्त संदेश दिया गया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “तुरंत-तुरंत एक्शन लेकर जांच पूरी करना और चार्जशीट दाखिल करना न्याय की दिशा में बड़ा कदम है।”
चार्जशीट में उन लोगों के नाम सामने आने पर, जो भारतीय होते हुए भी आतंकियों की मदद कर रहे थे, ऐशान्या ने गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने मांग की कि ऐसे देशद्रोहियों के खिलाफ सबसे कठोर सजा दी जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति पाकिस्तान समर्थित आतंकियों की सहायता करने से पहले सौ बार सोचे।
उन्होंने कहा कि जिन आरोपियों पर 10 लाख रुपये तक का इनाम घोषित था, उनके नाम सामने आना इस बात का प्रमाण है कि जांच सही दिशा में आगे बढ़ी है। ऐशान्या ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश को चुप नहीं बैठना चाहिए, बल्कि एकजुट होकर निर्णायक संघर्ष करना होगा।
हालिया घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने पहलगाम हमले के बाद लाल किले की घटना और सिडनी में हुए हमले को आतंकवाद की ही कड़ी बताया। उनका कहना था कि ये घटनाएं संकेत देती हैं कि आतंकी गतिविधियां बढ़ रही हैं, जिन्हें रोकने के लिए सरकार, एजेंसियों और आम नागरिकों—सबको मिलकर जिम्मेदारी निभानी होगी।
अंत में ऐशान्या द्विवेदी ने देशवासियों से अपील की कि आतंकवाद के खिलाफ यह लड़ाई केवल सरकार या सुरक्षा एजेंसियों की नहीं, बल्कि पूरे देश की साझा जिम्मेदारी है। जब तक देश एकजुट नहीं होगा, तब तक आतंकवाद को जड़ से खत्म करना संभव नहीं है।