Tuesday, December 16

5G मोबाइल टावरों से चोरी करने वाला गिरोह धराया, लाखों का उपकरण कौड़ियों के भाव बेचकर कबाड़ियों को पहुंचाया मुनाफा

भोपाल। राजधानी भोपाल में 5G मोबाइल टावरों से महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चुराने वाले एक संगठित गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार करते हुए उनके कब्जे से चार बेस बैंड यूनिट (BBU/5G राउटर) बरामद की हैं। पूछताछ में आरोपियों ने अब तक सात चोरी की वारदातों को अंजाम देने की बात स्वीकार की है।

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पुलिस के अनुसार, बाजार में एक बेस बैंड यूनिट की कीमत 3.5 से 4 लाख रुपये तक होती है, लेकिन आरोपी इन्हें दिल्ली के कबाड़ियों को मात्र 10 हजार रुपये प्रति यूनिट में बेच देते थे। इस तरह लाखों रुपये के कीमती टेलीकॉम उपकरण बेहद सस्ते दामों पर बेचकर गिरोह अवैध मुनाफा कमा रहा था। बताया जा रहा है कि कबाड़ियों के माध्यम से यह सामान आगे सप्लायरों को और फिर टेलीकॉम कंपनियों तक पहुंचाया जाता था।

अलार्म अलर्ट से खुला मामला
मामले का खुलासा उस समय हुआ जब एक निजी टेलीकॉम कंपनी के टेक्नीशियन प्रेमचंद पटेल को 14 जून को समरधा श्मशान घाट के पास स्थित मोबाइल टावर से अलार्म अलर्ट मिला। मौके पर पहुंचने पर उन्होंने पाया कि टावर कैबिनेट से बेस बैंड यूनिट (मॉडल 5216) समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चोरी हो चुके हैं। इसके बाद थाने में शिकायत दर्ज कराई गई।

सीसीटीवी और तकनीकी जांच से गिरफ्तारी
पुलिस ने जांच के दौरान इलाके के सीसीटीवी फुटेज, टावर की लोकेशन और टेलीकॉम कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए मोबाइल डेटा का विश्लेषण किया। तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया गया। पुलिस का दावा है कि अब तक बरामद किए गए सामान की कुल कीमत करीब 50 लाख रुपये है।

फिलहाल पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों और कबाड़ी नेटवर्क की भूमिका की जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा से जुड़े इस मामले में आगे और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।

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