Monday, December 8

वेंकटेश प्रसाद बने कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के नए अध्यक्ष, राज्य में क्रिकेट को पटरी पर लाने की चुनौती

नई दिल्ली: पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद को कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) का नया अध्यक्ष चुन लिया गया है। रविवार को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई वार्षिक आम बैठक (AGM) के दौरान उन्होंने यह पद हासिल किया। प्रसाद को 749 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी के.एन. शांति कुमार को 588 वोट प्राप्त हुए। इस जीत के साथ अब वेंकटेश प्रसाद और उनकी नई टीम पर राज्य में शीर्ष स्तरीय क्रिकेट को फिर से पटरी पर लाने की बड़ी जिम्मेदारी होगी।

नई KSCA टीम का गठन
वेंकटेश प्रसाद के नेतृत्व में नई टीम का गठन किया गया है, जिसमें प्रमुख पदों पर कई जाने-माने चेहरे शामिल हैं।

  • उपाध्यक्ष: सुजीत सोमसुंदर (719 वोट)
  • सचिव: संतोष मेनन (672 वोट)
  • कोषाध्यक्ष: बी.एन. मधुकर (736 वोट)
  • संयुक्त सचिव: बी.के. रवि (669 वोट)

प्रसाद के पैनल को पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कर्नाटक के दिग्गज खिलाड़ी अनिल कुंबले और जवागल श्रीनाथ का समर्थन प्राप्त था। दोनों ने 2010 से 2013 तक KSCA में अध्यक्ष और सचिव के रूप में कार्य किया था। इसके अलावा, वेंकटेश प्रसाद ने भी 2010 से 2013 तक KSCA के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया था और उनके पास भारतीय क्रिकेट में 33 टेस्ट और 161 वनडे मैच खेलने का अनुभव है।

चुनौतियों का सामना
वेंकटेश प्रसाद और उनकी टीम को कर्नाटक में क्रिकेट के आयोजन को फिर से स्थिर करने की चुनौती का सामना करना होगा। खासकर, 4 जून 2025 को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई दुखद भगदड़ की घटना के बाद स्थिति बेहद संवेदनशील हो गई है। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की आईपीएल 2025 जीत की परेड के दौरान हुई इस भगदड़ में 11 फैंस की मौत हो गई थी, जिससे राज्य में क्रिकेट आयोजनों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए थे।

नई टीम पर यह दबाव होगा कि वह सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करे और कर्नाटक में उच्च स्तरीय क्रिकेट आयोजनों की सफलता सुनिश्चित करे। साथ ही, राज्य में क्रिकेट के समग्र ढांचे को बेहतर बनाने के लिए उन्हें बड़े कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

आगे की राह
वेंकटेश प्रसाद का यह नेतृत्व कर्नाटक क्रिकेट को एक नई दिशा देने की उम्मीदें पैदा करता है। हालांकि, उन्हें राज्य में क्रिकेट के विकास और सुरक्षा दोनों ही मोर्चों पर सफलता हासिल करने की चुनौती का सामना करना होगा।

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