Saturday, December 6

सर्दियों में धूप कम? जानिए कैसे पूरी करें विटामिन–डी की कमी

सर्दियों में सूरज की रोशनी कम मिलने से लोगों में विटामिन–डी की कमी तेजी से बढ़ रही है। भारत जैसे धूप वाले देश में भी यह कमी चिंताजनक स्तर पर पहुँच चुकी है। आयुर्वेद विशेषज्ञों के मुताबिक गलत समय पर धूप लेना, घर के अंदर अधिक समय बिताना, बिगड़ा खानपान और मोबाइल लाइफस्टाइल इसके प्रमुख कारण हैं।

विटामिन–डी मजबूत हड्डियों, इम्यूनिटी, मांसपेशियों, नींद और मूड के लिए बेहद जरूरी है। कैल्शियम के अवशोषण में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विशेषज्ञ डॉ. हंसाजी के अनुसार धूप के अलावा कुछ प्राकृतिक तरीके अपनाकर भी विटामिन–डी के स्तर को सुरक्षित और प्रभावी रूप से बढ़ाया जा सकता है।

सुबह की सही धूप है सबसे लाभकारी

शरीर विटामिन–डी सिर्फ यूवीबी किरणों से बनाता है। ये किरणें सुबह 7:30 से 9:30 बजे के बीच सबसे प्रभावी होती हैं।
15–20 मिनट तक हाथ, पैर या पीठ पर धूप लेना, हफ्ते में 3-4 दिन, शरीर में विटामिन–डी का स्तर प्राकृतिक रूप से बढ़ाने के लिए पर्याप्त माना जाता है।

धूप से पहले तिल के तेल की मालिश

ठंडे प्रेस किया हुआ तिल का तेल त्वचा को मुलायम बनाता है और धूप को बेहतर तरीके से सोखने में मदद करता है। हल्की मालिश से रक्तसंचार बढ़ता है और विटामिन–डी बनने की प्रक्रिया तेज होती है।

ये खाद्य पदार्थ देते हैं प्राकृतिक विटामिन–डी

जहां बहुत कम खाद्य पदार्थों में सीधे विटामिन–डी मिलता है, वहीं कुछ चीजें इसके अवशोषण को बढ़ाने में मदद करती हैं—

  • धूप में सुखाए गए मशरूम (शीताके, ऑयस्टर) – नेचुरल विटामिन D2
  • काले तिल – मौजूद मैग्नीशियम विटामिन–डी को सक्रिय करता है
  • देशी घी – विटामिन–डी जैसे फैट सॉल्यूबल पोषक तत्वों को शरीर में आसानी से पहुंचाता है

इन गलतियों से बचें

  • धूप लेने के तुरंत बाद साबुन से स्नान न करें
  • सुबह खाली पेट अत्यधिक चाय–कॉफी न लें
  • अत्यधिक प्रोसेस्ड और बिल्कुल बिना फैट वाला भोजन न करें
    विशेषज्ञों के अनुसार विटामिन–डी को अवशोषित करने के लिए शरीर में अच्छी चर्बी और मिनरल्स जरूरी हैं।

आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां भी देती हैं मदद

  • अश्वगंधा – तनाव कम कर विटामिन–डी बनने की प्रक्रिया में सुधार
  • तेज पत्ता – पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद, जिससे विटामिन–डी और अन्य मिनरल्स प्रभावी ढंग से काम करते हैं

नंगे पांव चलना और गहरी सांसें भी फायदेमंद

धूप के दौरान घास या मिट्टी पर नंगे पैर चलना शरीर को जमीन से जोड़ता है और अवशोषण प्रक्रिया को बेहतर बनाता है।
5 मिनट गहरी सांस लेने से सूर्य, हवा और त्वचा—इन तीनों का संयुक्त असर शरीर को तेजी से स्वस्थ बनाता है।

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसे किसी भी प्रकार के उपचार या दवा का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से संपर्क करें।

Leave a Reply