Saturday, November 22

Tech History: एंड्रॉयड लॉलीपॉप ने 11 साल पहले बदल दी गेम की दिशा

नई दिल्ली: एंड्रॉयड 5.0 लॉलीपॉप वह अपडेट था जिसने फीके और बिखरे-बिखरे एंड्रॉयड को पहली बार मॉडर्न और स्मार्ट लुक दिया। मटीरियल डिजाइन, तेज परफॉर्मेंस, बेहतर बैटरी और नए फीचर्स ने एंड्रॉयड की पहचान पूरी तरह बदल दी। इसकी छाप आज भी एंड्रॉयड 16 में देखी जा सकती है।

लॉलीपॉप से पहले क्या हुआ?
एंड्रॉयड की शुरुआत 2008 में Android 1.0 से हुई। शुरुआती वर्जन फीके और बेसिक थे, आइकॉन साधारण और यूजर इंटरफेस बिखरा हुआ। इसके बाद Donut, Eclair, Gingerbread आए लेकिन डिजाइन में सुधार कम था।

Ice Cream Sandwich और KitKat कुछ सुधार लेकर आए, लेकिन एंड्रॉयड को ओवरऑल डिजाइन चेंज की जरूरत थी। अलग-अलग कंपनियों के कस्टम स्किन्स (जैसे सैमसंग का टचविज ओएस) ने यूजर इंटरफेस और उलझा दिया।

लॉलीपॉप ने बदल दी कहानी
2014 में आया Android 5.0 लॉलीपॉप मटीरियल डिजाइन के साथ आया। इसे स्मार्टफोन के “नए कपड़े” की तरह समझा जा सकता है। यह अपडेट एंड्रॉयड को साफ, नैचुरल और रियलिस्टिक लुक देने में कामयाब रहा।

मटीरियल डिजाइन की खासियत
लॉलीपॉप में साफ टाइपोग्राफी, जीवंत रंग, सॉफ्ट शैडो और कर्व्ड स्टाइल लेआउट देखने को मिले। Google Keep ऐप में कार्ड जैसा लेआउट और रंगीन नोट्स ने यूजर एक्सपीरियंस को नया आयाम दिया।

परफॉर्मेंस और बैटरी में सुधार
यह अपडेट सिर्फ सुंदर दिखता ही नहीं था। ऐप्स तेज़ी से खुलने लगे और एनिमेशन बेहतर हुए। प्रोजेक्ट वोल्टा के साथ बैटरी सेविंग में सुधार हुआ। बैकग्राउंड एक्टिविटी कंट्रोल और पावर एनालिसिस टूल्स ने फोन को स्मार्ट बनाया। साथ ही Trusted Face फीचर आया, जिससे चेहरा देखकर फोन अनलॉक होता था।

क्यों आज भी खास है लॉलीपॉप?
लॉलीपॉप की छाप आज भी एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स में देखी जा सकती है। मटीरियल डिजाइन लगातार विकसित हुआ और अब इसका नया रूप Material 3 Expressive एंड्रॉयड 16 की पहचान बन चुका है। डायनामिक कलर, फ्लूइड ऐनिमेशन और ब्लर इफेक्ट ने इंटरफेस को और मॉडर्न बना दिया।

अगर लॉलीपॉप अपडेट नहीं आया होता, तो एंड्रॉयड के आधुनिक इंटरफेस और फीचर्स संभव नहीं होते। यह अपडेट एंड्रॉयड इतिहास का एक मील का पत्थर साबित हुआ।

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