
नई दिल्ली, प्रतिनिधि।
देश की राजधानी दिल्ली के लालकिला क्षेत्र में हुआ 10 नवंबर की शाम का कार ब्लास्ट अब भी रहस्य बना हुआ है। इस भयावह धमाके को हुए 50 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। धमाके में 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई घायल हैं। इस घटना ने न सिर्फ दिल्ली, बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया है।
🚨 जांच में जुटी शीर्ष एजेंसियां
धमाके की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की टीमें संयुक्त रूप से जांच कर रही हैं।
फिलहाल यह भी स्पष्ट नहीं हो सका है कि कार में किस प्रकार का विस्फोटक इस्तेमाल किया गया था।
एजेंसियों को आशंका है कि कुछ और आतंकी दिल्ली या आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय हैं और किसी बड़े हमले की साजिश रच रहे हैं।
💣 जैश-ए-मोहम्मद पर गहराया शक
जांच एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, धमाके का तरीका और टारगेट पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मॉड्यूल से मेल खाता है।
हालांकि अब तक न तो जैश, न ही किसी अन्य संगठन ने इसकी जिम्मेदारी ली है। आमतौर पर आतंकी संगठन हमले के कुछ ही घंटों के भीतर इसकी जिम्मेदारी ले लेते हैं, लेकिन इस बार की चुप्पी ने जांच को और पेचीदा बना दिया है।
🧪 विस्फोटक के नमूनों से उलझन
घटनास्थल से फोरेंसिक टीमों ने 200 से अधिक सैंपल जुटाए हैं, जिनमें से 50 का परीक्षण दिल्ली फॉरेंसिक साइंस लैब और एनएसजी द्वारा किया जा रहा है।
प्रारंभिक जांच में अमोनियम नाइट्रेट की मौजूदगी के संकेत मिले हैं, जबकि विशेषज्ञों को शक है कि इसमें आरडीएक्स या अन्य उच्च श्रेणी के विस्फोटक भी मिलाए गए थे।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, फायर ब्रिगेड द्वारा तुरंत पानी डालने से कई अहम साक्ष्य नष्ट हो गए, जिससे जांच में कठिनाई आ रही है।
🕵️♀️ क्या महिला आतंकी भी शामिल हैं?
जम्मू-कश्मीर पुलिस अब तक 8 संदिग्धों को गिरफ्तार कर चुकी है।
फिर भी एजेंसियों को संदेह है कि कुछ आतंकी अब भी फरार हैं, जिनमें महिला मॉड्यूल की भूमिका भी सामने आ रही है।
खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉ. शाहीन शाहिद, जो जैश की महिला विंग की कमांडर थी, ने कुछ प्रशिक्षित महिलाओं को दिल्ली भेजा था। एजेंसियां अब उनके नेटवर्क की जांच में जुटी हैं।
💥 फरीदाबाद में बरामद विस्फोटकों से बढ़ी चिंता
फरीदाबाद के धौज क्षेत्र से हाल ही में 3000 किलो अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक बरामद किए गए थे।
अब एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या यह सामग्री दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ी थी, या यह किसी मिनी फैक्ट्री के रूप में वहां तैयार की जा रही थी।
साथ ही यह भी जांच का विषय है कि यह विस्फोटक कहां से आया और किसके आदेश पर इकट्ठा किया गया।
⚠️ सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर
लालकिला जैसा उच्च सुरक्षा क्षेत्र आतंकी निशाने पर कैसे आया — यह अब सबसे बड़ा सवाल बन गया है।
फिलहाल एनआईए, एनएसजी, दिल्ली पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियां देशभर में रेड और संदिग्धों की पूछताछ कर रही हैं।
शुरुआती संकेत बताते हैं कि यह हमला किसी संगठित आतंकी नेटवर्क का हिस्सा था, जिसकी जड़ें सीमापार तक फैली हुई हैं।
🔴 “दिल्ली के दिल पर हुआ यह वार सिर्फ एक धमाका नहीं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चुनौती है।”