
नई दिल्ली: घटती जनसंख्या से जूझते रूस ने भारत के कुशल कामगारों की ओर उम्मीद भरी नजरें जमा ली हैं। रूस चाहता है कि भारत के पेशेवर मजदूर उसके देश में अधिक रोजगार के अवसरों का लाभ उठाएं। इस पर संभावित समझौता भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में दिसंबर में हो सकता है, जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नई दिल्ली आएंगे।
🔹 भारतीय कामगारों के लिए अवसर बढ़ेंगे
ET की रिपोर्ट के अनुसार, रूस चाहता है कि भारत के कुशल कामगार मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में काम करें। फिलहाल वहां ज्यादातर भारतीय निर्माण और कपड़ा उद्योगों में कार्यरत हैं। रूस ने अभी जो कोटा तय किया है उसके अनुसार 2025 के अंत तक वहां काम करने वाले भारतीयों की संख्या लगभग 70,000 हो जाएगी।
🔹 श्रमिक अधिकारों की सुरक्षा पर भी चर्चा
रूस में काम करने वाले भारतीयों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए दोनों देशों के बीच समझौते की संभावना है। इससे आने वाले वर्षों में रूस में भारतीयों की संख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि होने की उम्मीद है। श्रम मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और उनके रूसी समकक्ष के बीच हाल ही में दोहा में मुलाकात भी हुई थी, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा हुई मानी जा रही है।
🔹 आर्थिक और औद्योगिक साझेदारी मजबूत
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत और रूस के बीच बढ़ती आर्थिक साझेदारी में भारतीय श्रमिकों की उपस्थिति एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन सकती है। इस वर्ष भारत ने रूस से रिकॉर्ड मात्रा में हीरे और सोने का आयात किया है। रूसी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2025 में भारत को रूस से 31.3 मिलियन डॉलर के हीरे मिले, जो पिछले साल के 13.4 मिलियन डॉलर की तुलना में दोगुना है।
🔹 हीरा उद्योग पर वैश्विक दबाव
रूस दुनिया में कच्चे हीरे का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और भारत के हीरा उद्योग का प्रमुख सप्लायर भी। हालांकि, अमेरिकी और पश्चिमी देशों की पाबंदियों और टैरिफ के कारण भारतीय हीरा उद्योग दबाव में है।
🔹 वार्षिक शिखर सम्मेलन
भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन, 2025 का 23वां संस्करण 4-6 दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित होगा। इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति पुतिन शामिल होंगे। शिखर सम्मेलन के एजेंडे को अंतिम रूप देने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर मास्को यात्रा पर इस महीने के तीसरे हफ्ते में जाएंगे।
संक्षिप्त हेडलाइन विकल्प:
➡️ “रूस भारत के कामगारों को देगा नए रोजगार के अवसर, दिसंबर में हो सकती बड़ी डील”
➡️ “भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भारतीय श्रमिकों के लिए रोजगार समझौते की संभावना”
➡️ “रूस में भारतीयों के लिए नौकरी के नए द्वार खुलने की तैयारी”