
बांका। नववर्ष के अवसर पर मंदार पर्वत में उमड़ने वाली श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। जिले के बौंसी प्रखंड अंतर्गत प्रसिद्ध धार्मिक एवं पर्यटन स्थल मंदार पर्वत स्थित रोपवे पर एनडीआरएफ की टीम द्वारा एक दिवसीय मॉक ड्रिल और विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम मंदार पर्वत के टर्मिनल नंबर एक पर संपन्न हुआ, जिसमें पटना-बिहटा से आई एनडीआरएफ की नौवीं बटालियन तथा देवघर के बचाव दल ने संयुक्त रूप से भाग लिया। मॉक ड्रिल के दौरान रोपवे कर्मियों को आपदा प्रबंधन, रेस्क्यू ऑपरेशन और सुरक्षा मानकों से संबंधित व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।
तकनीकी खराबी की स्थिति में बचाव अभ्यास
मॉक ड्रिल के दौरान रोपवे संचालन में संभावित दुर्घटनाओं और तकनीकी खराबी की स्थिति उत्पन्न कर त्वरित राहत एवं बचाव कार्य का अभ्यास कराया गया। चेयर कार में फंसे यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने, प्राथमिक उपचार देने और उन्हें उपचार केंद्र तक पहुंचाने की प्रक्रिया का लाइव डेमो किया गया।
अभ्यास के तहत मध्य टर्मिनल नंबर एक पर केबिन में फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालने का प्रदर्शन किया गया। लोअर टर्मिनल नंबर एक के केबिन का रेस्क्यू पहले रोपवे टीम द्वारा किया गया, इसके बाद सूचना मिलते ही एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। एनडीआरएफ के जवान रोपवे के खंभों पर चढ़कर तार के सहारे केबिन तक पहुंचे और अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरणों की मदद से फंसे लोगों को सुरक्षित नीचे उतारा।
सुरक्षा उपकरणों और प्राथमिक उपचार पर जोर
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट, दस्ताने और अन्य आधुनिक उपकरणों के प्रयोग पर विशेष जोर दिया गया। साथ ही यात्रियों को मानसिक रूप से शांत रखने, प्राथमिक चिकित्सा देने और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय बनाकर कार्य करने की रणनीति भी समझाई गई।
कार्यक्रम के पहले सत्र में एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर मुरली शर्मा ने प्रोजेक्टर के माध्यम से आपदा प्रबंधन पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने देवघर रोपवे में हुए सफल रेस्क्यू ऑपरेशन का उदाहरण देते हुए बताया कि समय पर लिए गए निर्णय और प्रशिक्षित टीम किसी भी आपात स्थिति में जनहानि को न्यूनतम कर सकती है।
एनडीआरएफ की इस मॉक ड्रिल से रोपवे कर्मियों और स्थानीय प्रशासन को आपात परिस्थितियों से निपटने की व्यावहारिक तैयारी मिली है, जिससे नववर्ष के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।