
ऑस्ट्रेलिया की राजनीति में 17 दिसंबर 1967 का दिन इतिहास में हमेशा रहस्य बनकर रहेगा। उस दिन देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री हेरोल्ड होल्ट समुद्र में तैरते हुए अचानक लापता हो गए। विक्टोरिया प्रांत के चेवियट बीच पर हुई यह घटना आज भी दुनिया की सबसे रहस्यमय राजनीतिक घटनाओं में गिनी जाती है।
हेरोल्ड होल्ट तैराकी के बेहद शौकीन थे। उस दिन समुद्र की लहरें तेज़ थीं और रिप करंट जैसी खतरनाक धाराएँ चल रही थीं, फिर भी उन्होंने पानी में उतरने का निर्णय लिया। कुछ ही क्षणों में वे लहरों में ओझल हो गए, और प्रत्यक्षदर्शियों ने उन्हें वापसी से पहले ही समुद्र में समा चुके देखा।
घटना के बाद सरकार ने नौसेना, वायुसेना, गोताखोर और स्वयंसेवकों की मदद से कई दिनों तक खोज अभियान चलाया, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला। आधिकारिक जांच ने इसे दुर्घटनात्मक डूबने की घटना माना, जिसमें समुद्र की खतरनाक धाराओं ने निर्णायक भूमिका निभाई।
हालांकि, शव न मिलने के कारण कई वैकल्पिक थ्योरी सामने आईं। कुछ लोगों ने आत्महत्या की आशंका जताई, जबकि कुछ ने माना कि वियतनाम युद्ध और राजनीतिक दबाव के कारण होल्ट मानसिक रूप से परेशान थे। इन थ्योरीज़ को उनके परिवार और सहयोगियों ने खारिज किया।
सबसे चर्चित रही साजिश-थ्योरी, जिसमें अमेरिकी और ब्रिटिश खुफिया एजेंसियों का नाम जोड़ा गया। लेखक एंथनी ग्रे की पुस्तक “The Prime Minister Was a Spy” में दावा किया गया कि होल्ट का सीआईए और एमआई6 से संबंध था और वे गुप्त गतिविधियों में शामिल थे। कुछ का मानना था कि उन्हें जानबूझकर गायब किया गया। हालांकि, इन दावों के समर्थन में कोई आधिकारिक प्रमाण नहीं मिला और संबंधित एजेंसियों ने भी इसे निराधार बताया।
2005 में हुई न्यायिक जांच में निष्कर्ष निकाला गया कि विदेशी साजिश, जासूसी या आत्महत्या का कोई ठोस आधार नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, अत्यधिक आत्मविश्वास और समुद्र की खतरनाक परिस्थितियों का गलत आकलन ही इस रहस्य की सबसे विश्वसनीय व्याख्या है।
आज भी हेरोल्ड होल्ट की कहानी लोगों को आकर्षित करती है – एक ऐसा प्रधानमंत्री जो सत्ता में रहते हुए समुद्र में उतरा और फिर कभी लौट कर नहीं आया।