
नई दिल्ली। अब भारत में मोबाइल यूजर्स को अनजान नंबरों की पहचान मिलने लगी है। सरकार ने कुछ इलाकों में कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सेवा शुरू कर दी है। इसके जरिए किसी भी कॉल के साथ कॉल करने वाले का सरकारी रजिस्टर्ड नाम फोन पर दिखेगा। यह सुविधा फिलहाल पश्चिम बंगाल (एयरटेल) और केरल (जियो) में लाइव है।
कैसे काम करती है CNAP
जब कोई आपको कॉल करेगा, तो आपके फोन की स्क्रीन पर पहले कॉल करने वाले का सरकारी नाम दिखाई देगा। इसके कुछ ही पल बाद अगर आपने उस नंबर को अपने कॉन्टैक्ट में किसी नाम से सेव किया है, तो आपका सेव किया हुआ नाम दिखने लगेगा। यह सुविधा 4G और 5G नेटवर्क पर तुरंत काम करेगी, जबकि पुराने 2G/3G नेटवर्क पर लागू करने में समय लग सकता है।
सरकार का मकसद और फायदे
CNAP का मुख्य उद्देश्य स्पैम और फ्रॉड कॉल को कम करना है। अब लोग अनजान नंबर से आने वाली कॉल को सही नाम देखकर ही उठा सकेंगे। बैंक, कंपनियों और सरकारी संस्थानों से आने वाली कॉल की भी सही पहचान होगी। इससे ट्रूकॉलर जैसी ऐप्स पर निर्भरता खत्म होगी और कॉल की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
प्राइवेसी को लेकर सावधानियां
कुछ यूजर्स प्राइवेसी को लेकर चिंतित हैं। महिलाओं और उन लोगों के लिए, जो अपना नाम सार्वजनिक नहीं करना चाहते, CLIR सुविधा से नंबर और नाम दोनों छिपाया जा सकता है। सरकार ने आश्वस्त किया है कि प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखा जाएगा और नाम बदलने/अपडेट करने की प्रक्रिया उपलब्ध होगी।
आगे का रास्ता
सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को मार्च 2026 तक पूरे देश में CNAP लागू करने का आदेश दिया है। डिफॉल्ट रूप से यह सुविधा चालू रहेगी, लेकिन इसे बंद करने का विकल्प भी यूजर्स के पास होगा।
CNAP से अब मोबाइल कॉल्स अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बनेंगी, जिससे यूजर्स को अनजान नंबर से कॉल उठाने में सहजता महसूस होगी।