Sunday, December 21

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सीतामढ़ी: महिला शिक्षकों के विवाद में DEO ने लिया सख्त फैसला, दोनों को निलंबित
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सीतामढ़ी: महिला शिक्षकों के विवाद में DEO ने लिया सख्त फैसला, दोनों को निलंबित

 जिले के डुमरा प्रखंड के मिडिल स्कूल, पोखर टोल, बरियारपुर में महिला शिक्षकों के बीच उत्पन्न विवाद ने स्कूल और समाज में हलचल मचा दी। प्रधान शिक्षिका अहाना गुप्ता और शिक्षक पुनीता कुमारी के बीच अवैध संबंध, मारपीट और स्कूल के वातावरण को बिगाड़ने जैसे आरोपों के चलते जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) राघवेंद्र मणि त्रिपाठी ने दोनों शिक्षिकाओं को निलंबित कर दिया है। वीडियो वायरल होने से बढ़ी गंभीरता मामला 13 दिसंबर 2025 का है। स्कूल परिसर में हुए विवाद का वीडियो रिकॉर्ड कर प्रधान शिक्षिका ने वायरल करने का प्रयास किया। DEO ने 15 दिसंबर को प्रधान शिक्षिका से स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन उनका जवाब भ्रामक पाया गया। वीडियो में विद्यालय का वातावरण दूषित होने के साथ ही विभाग की छवि भी धूमिल हुई, जिसके चलते तत्काल कार्रवाई की गई। DEO ने दोनों शिक्षिकाओं को सिखाया सबक जांच में यह पाया गया कि पुनीता...
भूमिहार ब्राह्मण: इतिहास, उत्पत्ति और विवाद—स्वामी सहजानंद सरस्वती के दस्तावेजी प्रमाण पढ़ें
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भूमिहार ब्राह्मण: इतिहास, उत्पत्ति और विवाद—स्वामी सहजानंद सरस्वती के दस्तावेजी प्रमाण पढ़ें

बिहार में भूमिहारब्राह्मण को जाति जनगणना में भूमिहार लिखे जाने के बाद विवाद गहराया है। सवर्ण आयोग और सरकारी फाइलों में यह मामला अब भी कायम है। भूमिहार ब्राह्मणों का इतिहास अत्यंत समृद्ध और दस्तावेजीकृत है, जो स्वामी सहजानंदसरस्वती के लेखन और अंग्रेजों के गजेटियर में दर्ज साक्ष्यों से स्पष्ट होता है। भूमिहार ब्राह्मण का ऐतिहासिक प्रमाण:स्वामी सहजानंद सरस्वती ने अपने ग्रंथ ‘ब्रह्मर्षि वंश विस्तार’ में भूमिहार ब्राह्मणों का समग्र इतिहास लिखा। इसमें उन्होंने अंग्रेज लेखकों और गजेटियर के उदाहरण दिए। 1865 और 1911 की जनगणना भी इसमें शामिल हैं। अंग्रेज लेखक विलियम क्रूक (1896) के अनुसार, “भुइंहार शब्द संस्कृत के भूमिहार का अपभ्रंश है। भूमि का अर्थ पृथ्वी और हार का अर्थ अधिकार करने वाला।” यह जाति संयुक्त प्रांत के पूर्वी जिलों में जमींदार और खेती करने वाली ब्राह्मण जाति के रूप में पाई जाती थी। ...
पटना पुलिस की ‘तीसरी आंख’: 7 हजार कांस्टेबलों की ड्यूटी का भौतिक सत्यापन, एसएसपी ने तैनात किए 7 अधिकारी
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पटना पुलिस की ‘तीसरी आंख’: 7 हजार कांस्टेबलों की ड्यूटी का भौतिक सत्यापन, एसएसपी ने तैनात किए 7 अधिकारी

बिहार की राजधानी पटना में पुलिस बल की कार्यकुशलता, अनुशासन और जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक सत्यापन अभियान शुरू किया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा के नेतृत्व में यह अभियान जिले में तैनात लगभग 7,000 पुलिस कांस्टेबलों की सक्रियता और ड्यूटी पर वास्तविक उपस्थिति की जाँच पर केंद्रित है। एसएसपी ने इस विशाल प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए 7 वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। प्रत्येक अधिकारी को लगभग 1,000 कांस्टेबलों की ड्यूटी स्थल पर जाकर जांच करने का काम सौंपा गया है। भौतिक निरीक्षण पर जोर:अधिकारियों को केवल फाइलों या हाजिरी रजिस्टर के भरोसे रहने की अनुमति नहीं है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रत्येक कांस्टेबल के तैनाती स्थल या प्रतिनियुक्ति स्थान पर जाकर स्वयं निरीक्षण करें। इस 'भौतिक निरीक्षण' का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जवा...
नवादा लिंचिंग मामला: मुस्लिम संगठनों ने 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग की, इमारत-ए-शरिया ने समर्थन किया
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नवादा लिंचिंग मामला: मुस्लिम संगठनों ने 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग की, इमारत-ए-शरिया ने समर्थन किया

नवादा: बिहार के नवादा जिले में मोहम्मद अथर हुसैन की क्रूर लिंचिंग की घटना ने समाज में गहरा सदमा पैदा कर दिया है। पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की मांग करते हुए कई मुस्लिम संगठनों ने गुरुवार को फुलवारीशरीफ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इमारत-ए-शरिया के नाज़िम मुफ्ती मोहम्मद सईदुल रहमान कासमी ने इस घटना को अत्यंत गंभीर बताते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, “दोषियों पर त्वरित सुनवाई होनी चाहिए और उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिए।” इस मौके पर जमीयत-ए-इस्लामी हिंद, जमीयत उलेमा-ए-हिंद, इदार-ए-शरिया समेत अन्य संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे। संगठनों ने मोहम्मद अथर हुसैन के परिवार के लिए 50 लाख रुपये मुआवजा, उनकी पत्नी के लिए सरकारी नौकरी और बच्चों के लिए शिक्षा व स्वास्थ्य देखभाल सहायता की मांग की। मामले का विवरण:मोहम्मद अथर हुसैन, जो कपड़े बेचने का काम करते थे, 5 दिसंबर...
नवादा लिंचिंग मामला: मुस्लिम संगठनों ने 50 लाख रुपये मुआवजे और परिवार के लिए राहत की मांग की
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नवादा लिंचिंग मामला: मुस्लिम संगठनों ने 50 लाख रुपये मुआवजे और परिवार के लिए राहत की मांग की

बिहार के नवादा जिले में हुई मोहम्मद अथर हुसैन लिंचिंग घटना के बाद मुस्लिम संगठनों ने मुखर होकर पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे और राहत की मांग की है। इमारत-ए-शरिया समेत कई संगठनों ने गुरुवार को 50 लाख रुपये के मुआवजे, मृतक की पत्नी के लिए सरकारी नौकरी और बच्चों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सहायता की मांग की। मोहम्मद अथर हुसैन की कथित तौर पर 5 दिसंबर को भट्टा गांव में पिटाई की गई थी। हुसैन साइकिल पर कपड़े बेचता था और पंचर ठीक कराने के लिए रुके थे। हमलावरों ने पहले उनका नाम और पेशा पूछा, फिर 18,000 रुपये लूटकर उन पर हमला किया। बाद में हमलावरों की संख्या बढ़कर 15-20 हो गई और हुसैन को निर्वस्त्र कर गर्म लोहे की छड़ से पीटा गया। 12 दिसंबर को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मुआवजे की मांग और जांच:फुलवारीशरीफ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुफ्ती मोहम्मद सईदुल रहमान कासमी ने घटना को अत्यंत गंभीर बताया और...
पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से आम-लीची निर्यात आंकड़े मांगे, बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे की जानकारी भी तलब
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पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से आम-लीची निर्यात आंकड़े मांगे, बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे की जानकारी भी तलब

पटना: पटना उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से बिहार से बागवानी उत्पादों, विशेष रूप से आम और लीची के निर्यात से जुड़े वास्तविक आंकड़े प्रस्तुत करने को कहा है। कोर्ट ने यह स्पष्ट करने को भी कहा कि राज्य में इन फलों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अब तक कौन-से बुनियादी ढांचे की व्यवस्था की गई है। कोर्ट की यह कार्रवाई अधिवक्ता मौर्य विजय चंद्र द्वारा दायर जनहित याचिका पर हुई। याचिका में केंद्र और राज्य सरकार से बिहार में बागवानी विशेषज्ञों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम चलाने, ताजे फलों और सब्जियों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य के हवाई अड्डों पर विशेष कार्गो हैंडलिंग केंद्र स्थापित करने की मांग की गई थी। इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने APEDA को निर्देश देने की भी मांग की कि वे बिहार के बागवानी विशेषज्ञों को अपने हॉर्टिनेट प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत करें, जिससे क्षेत्रवार ताजे मौसमी उत्पादों की उप...
अब घर बैठे मोबाइल से कराएं LPG सब्सिडी के लिए KYC, कोई एजेंसी जाने की जरूरत नहीं
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अब घर बैठे मोबाइल से कराएं LPG सब्सिडी के लिए KYC, कोई एजेंसी जाने की जरूरत नहीं

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और एलपीजी उपभोक्ताओं के लिए सरकार ने बायोमेट्रिक ई-केवाइसी प्रक्रिया को और आसान बना दिया है। अब उपभोक्ता अपने स्मार्टफोन से घर बैठे फेस स्कैन के जरिए निःशुल्क KYC पूरी कर सकते हैं और सब्सिडी का लाभ सुनिश्चित कर सकते हैं। अब एलपीजी उपभोक्ताओं को गैस एजेंसी या किसी सेवा केंद्र के चक्कर नहीं लगाने होंगे। प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और सुरक्षित है। इसके लिए उपभोक्ता को अपनी संबंधित तेल विपणन कंपनी (OMC) का आधिकारिक मोबाइल एप डाउनलोड करना होगा। साथ ही आधार फेस रीड एप भी मोबाइल में इंस्टॉल होना आवश्यक है। ई-केवाइसी शुरू करने के लिए उपभोक्ता https://www.pmuy.gov.in/e-kyc.html पर जा सकते हैं या QR कोड स्कैन कर प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। एप में दिए गए निर्देशों का पालन करें। आवश्यक विवरण भरें। फेस स्कैन के जरिए बायोमेट्रिक सत्यापन करें। इस प्रक्रिया मे...
सदानंद सिंह: बिहार की राजनीति का ‘हनक’ वाला कद्दावर नेता
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सदानंद सिंह: बिहार की राजनीति का ‘हनक’ वाला कद्दावर नेता

पटना: बिहार की राजनीति में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने हमेशा अपनी स्पष्ट राजनीति और हनक के लिए अलग पहचान बनाई। 10 बार बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे सदानंद सिंह ने कांग्रेस को राज्य में अपने दम पर लंबे समय तक मजबूती दी। उनकी राजनीति में पार्टी के प्रति वफादारी और राजनीतिक सूझबूझ का अद्वितीय उदाहरण देखने को मिला। वर्ष 2022 में उनके निधन के साथ बिहार की राजनीति का एक युग समाप्त हो गया। भागलपुर के कहलगांव विधानसभा क्षेत्र से 12 बार चुनाव लड़ने वाले सदानंद सिंह ने 9 बार जीत दर्ज की और विधानसभा चुनाव जीतने का यह रिकॉर्ड आज भी अपने आप में विशिष्ट है। साल 2015 में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के बावजूद उन्होंने अपनी सीट बरकरार रखी। सदानंद सिंह पहली बार 1969 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने। 1985 में कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया, फिर भी उन्होंने निर्दलीय चुनाव जीतकर अपनी ...
पटना में दाखिल–खारिज का संकट साढ़े तीन लाख से अधिक आवेदन रिजेक्ट, रैयतों की बढ़ी परेशानी
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पटना में दाखिल–खारिज का संकट साढ़े तीन लाख से अधिक आवेदन रिजेक्ट, रैयतों की बढ़ी परेशानी

पटना जिले में जमीन के दाखिल–खारिज (म्यूटेशन) को लेकर रैयतों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। ऑनलाइन प्रणाली के तहत जमा किए गए आवेदनों में बड़ी संख्या में रिजेक्शन सामने आने से आम लोगों में नाराजगी और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जिले में अब तक 10.16 लाख दाखिल–खारिज आवेदन ऑनलाइन जमा किए गए हैं, जिनमें से 3.65 लाख से अधिक आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए हैं। यह संख्या कुल आवेदनों का करीब 36 प्रतिशत है। वहीं, 6.33 लाख आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं, जबकि 17,025 आवेदन अभी भी लंबित हैं। दस्तावेजों की कमी बनी बड़ी वजह राजस्व विभाग से जुड़े जानकारों का कहना है कि आवेदन रिजेक्ट होने की सबसे बड़ी वजह दस्तावेजों की कमी, त्रुटिपूर्ण अपलोड और अंचल कार्यालयों के बीच समन्वय का अभाव है। कई मामलों में ऑनलाइन आवेदन करने के बाद यदि अंचल कार्यालय से समन्वय नहीं हो पाता, तो कि...
पॉक्सो एक्ट पर पटना हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला सहमति से बने संबंधों में केवल मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर सजा नहीं
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पॉक्सो एक्ट पर पटना हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला सहमति से बने संबंधों में केवल मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर सजा नहीं

पटना हाईकोर्ट ने पॉक्सो (POCSO) अधिनियम के तहत एक बेहद अहम और दूरगामी असर वाला फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि केवल मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पीड़िता की उम्र तय नहीं की जा सकती। न्यायालय ने उम्र निर्धारण के लिए स्कूल रिकॉर्ड, दाखिला रजिस्टर और मैट्रिकुलेशन प्रमाण पत्र को अधिक विश्वसनीय मानते हुए इन्हें अनिवार्य साक्ष्य बताया है। न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति डॉ. अंशुमन की खंडपीठ ने इस निर्णय के तहत पवन कुमार मंडल की पॉक्सो मामले में हुई दोषसिद्धि को रद्द कर दिया और उसे तत्काल जेल से रिहा करने का आदेश दिया। मेडिकल रिपोर्ट में 1–2 साल की त्रुटि संभव अदालत ने अपने फैसले में कहा कि चिकित्सा विज्ञान के पास उम्र निर्धारित करने का कोई पूर्णतः सटीक तरीका नहीं है। मेडिकल रिपोर्ट में एक से दो साल तक का अंतर (Margin of Error) संभव है। ऐसे में किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता छीनने के ल...