
कोयला घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए झारखंड और पश्चिम बंगाल में 40 से अधिक ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की। ईडी की यह रेड धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई, जिसमें कई कोयला कारोबारियों और उनसे जुड़े नेटवर्क को निशाने पर लिया गया है।
झारखंड: कोयला कारोबारी एलबी सिंह के ठिकानों पर बड़ी दबिश
धनबाद स्थित कोयला कारोबारी एलबी सिंह के आवास और उनसे जुड़े प्रतिष्ठानों पर ईडी की टीमों ने सुबह-सुबह छापा मारकर दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड की गहन जांच की।
सूत्रों के अनुसार, धनबाद के देवबिला क्षेत्र सहित कुल 16 ठिकानों पर एक साथ रेड की गई। टीमों ने बैंकिंग लेनदेन, प्रॉपर्टी निवेश और कथित मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े सबूतों की तलाश की।
कई बड़े नाम जांच के दायरे में
कोयला चोरी और तस्करी के इस व्यापक मामले में कई प्रभावशाली नाम शामिल हैं।
इनमें अनिल गोयल, संजय उद्योग, एलबी सिंह और अमर मंडल जैसे कारोबारी प्रमुख रूप से जांच के दायरे में हैं।
सूत्रों का कहना है कि संगठित तरीके से की गई कोयला चोरी व अवैध परिवहन के कारण सरकार को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
पश्चिम बंगाल में भी 24 स्थानों पर ईडी की कार्रवाई
एक समन्वित अभियान के तहत पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर, पुरुलिया, हावड़ा और कोलकाता जिलों में भी 24 स्थानों पर ईडी की टीमें पहुंचीं।
यहां गैर-कानूनी माइ닝, अवैध ट्रांसपोर्टेशन और कोयला स्टोरेज से जुड़े आरोपियों के ठिकानों की तलाशी ली गई।
छापेमारी जिन प्रमुख व्यक्तियों से जुड़ी है, उनमें नरेंद्र खरका, अनिल गोयल, युधिष्ठिर घोष और कृष्ण मुरारी कयाल शामिल हैं।
अगले दिनों में हो सकते हैं बड़े खुलासे
ईडी अधिकारियों के अनुसार यह छापेमारी अभियान कोयला माफियाओं के खिलाफ बड़े स्तर पर की गई एक संयुक्त कार्रवाई है।
जांच में मिले साक्ष्यों का मूल्यांकन किया जा रहा है और आने वाले दिनों में इस पूरे कोयला घोटाले से जुड़े कई अहम खुलासे सामने आने की उम्मीद है।
यह कार्रवाई सरकार द्वारा अवैध कोयला कारोबार पर शिकंजा कसने और धन शोधन गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए निर्णायक कदम माना जा रहा है।