Tuesday, November 11

अवैध ढाबों पर खड़ी गाड़ियां बन रही हैं राजमार्ग हादसों की बड़ी वजह, सुप्रीम कोर्ट ने जताई गंभीर चिंता

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राजस्थान और तेलंगाना में हाल ही में हुए सड़क हादसों का खुद संज्ञान लिया। कोर्ट ने हाइवे के किनारे अवैध ढाबों की मौजूदगी पर चिंता जताई और कहा कि इन ढाबों पर खड़ी गाड़ियों के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस जे.के. महेश्वरी और जस्टिस विजय विश्नोई शामिल हैं, ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को आदेश दिया है कि वे सड़क किनारे अवैध ढाबों और सड़क मेंटेनेंस की स्थिति पर रिपोर्ट पेश करें। बेंच ने दो सप्ताह के भीतर सर्वे कराने का निर्देश दिया, ताकि यह पता चल सके कि किन क्षेत्रों में ऐसे ढाबे गैर-नोटिफाई स्थानों पर बनाए गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हाल ही में फलोदी (राजस्थान) और तेलंगाना में हुई दुर्घटनाओं में क्रमशः 18 और 19 लोगों की जान गई। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, टोल वसूली के बावजूद इन राजमार्गों की खराब सड़क स्थिति और अवैध ढाबों की मौजूदगी इन हादसों का प्रमुख कारण बनी। 2 नवंबर को फलोदी में हुए हादसे में कम से कम 15 लोग मारे गए थे, जब जोधपुर से बीकानेर जा रही यात्रियों से भरी एक टेम्पो ट्रैवलर भारतमाला राजमार्ग पर एक ढाबे के पास खड़े ट्रक से टकरा गई।

अदालत ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में सामान्य जनता ने ढाबे बना लिए हैं, जबकि वहां इन सुविधाओं के लिए कोई औपचारिक अनुमति नहीं है। इससे गाड़ियां राजमार्ग पर पार्क हो जाती हैं और अन्य वाहन चालक उन्हें समय पर देख नहीं पाते, जिससे टकराव की घटनाएं होती हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने NHAI और सड़क परिवहन मंत्रालय से विशेष रूप से उन राजमार्गों पर रिपोर्ट पेश करने को कहा, जहां ये दुर्घटनाएं हुई। साथ ही, सड़क की गुणवत्ता, रखरखाव के मानक और ठेकेदारों द्वारा अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों का विवरण भी मांगा गया। गृह मंत्रालय को पक्षकार बनाया गया और संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों को नोटिस भेजने का आदेश दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट की यह सख्त टिप्पणी राज्य और केंद्र सरकार के लिए चेतावनी के रूप में सामने आई है कि सड़क सुरक्षा और अवैध निर्माण को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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