
- सिलीगुड़ी के होटलों का बांग्लादेशी पर्यटकों के लिए बहिष्कार:
ग्रेटर सिलीगुड़ी होटलियर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने ऐलान किया कि सिलीगुड़ी के किसी भी होटल में बांग्लादेशी नागरिकों को अब ठहरने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
पहले केवल मेडिकल और छात्र वीजा वाले पर्यटकों को अनुमति दी जाती थी, अब यह भी रद्द कर दी गई है।
- कारण:
यह कदम बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और मॉब लिंचिंग की घटनाओं के विरोध में लिया गया है।
असोसिएशन और स्थानीय व्यापारियों का मानना है कि भारत में व्यवसाय और देश सर्वोपरि हैं, इसलिए हिंसा के प्रति विरोध जताने के लिए उन्होंने बहिष्कार का निर्णय लिया।
- स्थानीय प्रतिक्रिया:
होटल और वाहन सेवा प्रदाता बांग्लादेशी नागरिकों के लिए सेवाएं रोक रहे हैं।
कुछ होटलों के बाहर पोस्टर लगाए गए हैं, जैसे “बांग्लादेश का बहिष्कार करो।”
स्थानीय व्यापारी भी भारत-बांग्लादेश के व्यापार और परिवहन संबंधों को रोकने की मांग कर रहे हैं।
- भारत-बांग्लादेश तनाव:
18 दिसंबर को मयमनसिंह में हिंदू मजदूर दीपू चंद्र दास की हत्या की घटना के बाद भारत में विरोध प्रदर्शन हुए।
यह घटना भारत में बांग्लादेशी नागरिकों के बहिष्कार और विरोध के अभियान को और तेज कर रही है।
संक्षेप में, यह कदम एक राजनीतिक और सामाजिक विरोध के रूप में लिया गया है, जिसका उद्देश्य बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करना है।
अगर आप चाहें तो मैं इसका संदर्भ, कानूनी और सामाजिक पहलुओं के साथ विश्लेषण भी तैयार कर सकता हूँ कि यह कदम किन दृष्टिकोणों से विवादास्पद या जायज माना जा सकता है। क्या मैं ऐसा कर दूँ?