Friday, December 26

नेताजी, हम साथ जाएंगे संसद: लोकसभा चुनाव 2029 में बृजभूषण शरण सिंह और करण भूषण सिंह करेंगे आमने-सामने की तैयारी

 

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गोंडा: कैसरगंज से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद करण भूषण सिंह ने 2029 के लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा और चर्चित बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्ष 2029 में वह और उनके पिता, पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह, दोनों भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे और जीतकर एक साथ संसद में पहुंचेंगे।

 

करण भूषण ने बेलसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा, “हम दोनों 2029 में भाजपा से चुनाव लड़ेंगे। हमें इतना तय है कि हम दोनों संसद में एक साथ होंगे।” उन्होंने अपने पिता के पहले दिए गए बयान का समर्थन करते हुए यह बात दोहराई। उनके इस ऐलान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है।

 

बृजभूषण शरण सिंह का ऐलान और राजनीतिक पृष्ठभूमि

करण भूषण से पहले उनके पिता बृजभूषण शरण सिंह ने भी 2029 का लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। उन्होंने कहा था, “कोई दुनिया की ताकत हमें चुनाव लड़ने से रोक नहीं सकती। चुनाव हम कार्यकर्ताओं के भरोसे लड़ेंगे।” हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों पिता-पुत्र किस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे और भाजपा के टिकट पर एक साथ संसद में कैसे पहुंचेंगे।

 

रेसलर्स केस और चुनावी रणनीति

बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों का मामला अब अंतिम चरण में है। दिल्ली पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट और कोर्ट के पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमे के समाप्त होने के बाद उन्हें बड़ी राहत मिली थी। इसके बावजूद, 2024 में भाजपा ने बृजभूषण को टिकट नहीं दिया था और उनके छोटे बेटे करण भूषण को उम्मीदवार बनाया गया। करण ने चुनाव जीतकर पहली बार संसद में प्रवेश किया।

 

सांसद खेल महोत्सव में बयान

करण भूषण ने गुरुवार को गोंडा में आयोजित सांसद खेल महोत्सव के समापन समारोह और पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में यह ऐलान किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में खिलाड़ी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे। उन्होंने कोडीन कफ सिरप मामले पर भी सख्त रुख अपनाते हुए कहा, “जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई होगी। कोई भी बच नहीं पाएगा, चाहे वह भाजपा का ही नेता क्यों न हो।”

 

बृजभूषण और करण भूषण के इस ऐलान ने राजनीतिक परिदृश्य में नया मोड़ ला दिया है। अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि 2029 में भाजपा किस रणनीति के साथ दोनों पिता-पुत्र को मैदान में उतारेगी।

 

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