पहचान मेरे बिलासपुर की वर्ष 1970 में पड़ी थी औद्योगीकरण की नींव, 25 हजार श्रमिकों के घर जल रहा चूल्हा


बिलासपुर जिले में वर्ष 1970 में औद्योगिक क्रांति की नींव पड़ी। तिफरा में इसके लिए जमीन आरक्षित की गई थी। तिफरा से सिरगिट्टी व सिलपहरी औद्योगिक परिक्षेत्र में 54 वर्षों में लघु व मध्यम मिलाकर बिलासपुर जिले में दो हजार उद्योगों का संचालन किया जा रहा है। औद्योगीकरण की दिशा में परिस्थितियां तेजी के साथ बदली हैं। युवा उद्योगपति अब निवेश के लिए आगे आने लगे हैं। नौकरी के बजाय स्वयं का उद्योग संचालित करने की दिशा में युवाओं का आत्मविश्वास भी बढ़ा है। हरीश केडिया-अध्यक्ष लघु एवं सहायक उद्योग संघ, छत्तीसगढ

By Radha Krishna Sharma

Publish Date: Sat, 06 Jul 2024 10:59:59 AM (IST)

Updated Date: Sat, 06 Jul 2024 10:59:59 AM (IST)

पहचान मेरे बिलासपुर की वर्ष 1970 में पड़ी थी औद्योगीकरण की नींव, 25 हजार श्रमिकों के घर जल रहा चूल्हा
हरीश केडिया-अध्यक्ष लघु एवं सहायक उद्योग संघ, छत्तीसगढ़

HighLights

  1. वर्ष 1970 में पांच व्यवसायियों ने हिम्मत दिखाते हुए औद्योगिक गतिविधियां शुरू की।
  2. शुरुआत में तिफरा में तेल मिल की स्थापना हुई।
  3. कल्पना प्लास्टिक इंडस्ट्रीज व दवा कारखाना की नींव रखी गई।

नईदुनिया बिलासपुर( राधाकिशन शर्मा) l तीन दशक बाद वह दिन भी आया जिसकी कल्पना यहां के शहरवासियों, व्यवसायियों व युवा उद्यमियों ने की थी। वर्ष 1990 में 1,600 एकड़ में सिरगिट्टी इंडस्ट्रीयल एरिया बना। शिवम मोटर्स ने टाटा की एजेंसी ली। औद्योगिक परिक्षेत्र बनने के बाद औद्योगिक गतिविधियां तेज हुईं और देखते ही देखते इंडस्ट्रीयल एरिया में स्थापित उद्योग की चिमनियां धुआं उगलने लगीं। धुआं उगलती चिमनियां समृद्धि के साथ यहां काम करने वाले उन परिवारों की खुशहाली और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। समय के साथ अब आधुनिक तकनीक ने जगह लेना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि इंडस्ट्रीयल एरिया में आज सभी तरह के कारखानों का संचालन हो रहा है। मसाला से लेकर स्टील के कारखानों का संचालन किया जा रहा है। दो हजार लघु उद्योग चल रहे हैं। 20 हजार श्रमिकों को रोजगार मिला हुआ है। 52 साल पहले शहरवासियों और न ही राजनीति से जुड़े जनप्रतिनिधियों ने कल्पना की थी कि औद्योगिक क्रांति की दिशा में बिलासपुर जिला अपना परचम लहराएगा। तिफरा से विस्तार होते हुए सिरगिट्टी में कारखानों की चिमनियां लगने लगीं। तकरीबन 20 साल बाद राज्य शासन ने सिरगिट्टी की 1,600 एकड़ जमीन को आरक्षित करते हुए औद्योगिक परिक्षेत्र बनाया।

फैक्टरियां बयान कर रहीं सफलता की कहानी

शहर से दूर और सुनसान होने के कारण उद्योगपति शुरुआती दिनों में जाने से कतरा रहे थे। शिवम मोटर्स के संचालक ने हिम्मत जुटाई और टाटा मोटर्स की एजेंसी लेकर शोरूम का संचालन प्रारंभ किया। शोरूम के साथ ही वर्कशाप प्रारंभ किया। शिवम मोटर्स की देखा देखी सिरगिट्टी में उद्योग लगने लगे। आलम ये कि आज यहां एक हजार के करीब उद्योगों का संचालन किया जा रहा है। कारखाने अनवरत चौबीस घंटे संचालित हो रही हैं। धुआं उगलती चिमनियां और कारखानों में शिफ्टों में अधिकारी व कर्मचारियों की आवाजाही के बीच शिफ्ट बदलने की बजती घंटियां पूरी रफ्तार के साथ उद्योगों के चलने का गवाह हैं।

सभी तरह के उद्योगों का हो रहा संचालन

तिफरा, सिरगिट्टी व सिलपहरी औद्योगिक परिक्षेत्र के अलावा शहर के भीतर और रिहायशी इलाके से बाहर सभी तरह के उद्योगों का संचालन किया जा रहा है। कोल्ड स्टोरेज से लेकर टाइल्स, मशीनरी पार्ट्स, इलेक्ट्रिकल फैक्ट्री वाहन रिपेयरिंग व मसाला उद्योग संचालित हो रहा है। रिहायशी इलाके से बाहर दाल व राइस मिलें संचालित हो रही हैं। कारखानों में 25 हजार श्रमिकों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है।



Source link


Discover more from सच्चा दोस्त न्यूज़

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours

Leave a Reply