Wednesday, December 24

स्पेस में भारत का दबदबा बरकरार: ISRO का ‘बाहुबली’ मिशन सफल, वी. नारायणन के नेतृत्व में हासिल सफलता

 

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नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज एक बार फिर इतिहास रचते हुए अपना अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट लॉन्च सफलतापूर्वक किया। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से LVM3-M6 रॉकेट के जरिए अमेरिका के अगले पीढ़ी के कम्युनिकेशन सैटेलाइट ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 का सफल प्रक्षेपण किया गया। इस रॉकेट की ताकत को देखते हुए इसे ‘बाहुबली’ भी कहा जाता है।

 

इसरो चीफ वी. नारायणन का योगदान

इस मिशन के संचालन में ISRO के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन ने अहम भूमिका निभाई। मिशन से पहले उन्होंने तिरुमला स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना कर मिशन की सफलता की कामना की। डॉ. नारायणन ने बताया कि यह सैटेलाइट 4G और 5G संचार सेवाओं को सपोर्ट करेगा, जिससे मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं की गुणवत्ता और गति में सुधार होगा।

 

वी. नारायणन कौन हैं?

 

डॉ. नारायणन इसरो के प्रमुख वैज्ञानिक और रॉकेट टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ हैं।

उन्होंने IIT खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में M.Tech और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में PhD की डिग्री हासिल की। M.Tech में प्रथम रैंक और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें सिल्वर मेडल से सम्मानित किया गया।

डॉ. नारायणन ने 1984 में ISRO में अपनी वैज्ञानिक यात्रा शुरू की और 2018 में LPSC (लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर) के निदेशक बने।

उनके नेतृत्व में LPSC ने ISRO के कई मिशनों के लिए 183 लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम और कंट्रोल पावर प्लांट विकसित किए।

उनकी उपलब्धियों में GSLV Mk III C25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में योगदान शामिल है।

 

पुरस्कार और सम्मान

डॉ. नारायणन को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें शामिल हैं:

 

IIT खड़गपुर से रजत पदक

एनडीआरएफ से राष्ट्रीय डिजाइन पुरस्कार

एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) से स्वर्ण पदक

 

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में डॉ. नारायणन के नेतृत्व ने देश को अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ‘बाहुबली’ मिशन की सफलता के साथ ISRO ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत अंतरिक्ष तकनीक में विश्वस्तर पर अग्रणी है।

 

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