Saturday, November 8

हरियाणा: पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, मानेसर लैंड स्कैम में CBI कोर्ट में तय होंगे आरोप

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने पंचकुला की विशेष CBI अदालत के आदेश को चुनौती दी थी। यह आदेश मानेसर भूमि सौदे के मामले में हुड्डा के खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने से संबंधित था।

🔹 क्या था हाईकोर्ट का फैसला

  • हुड्डा ने 19 सितंबर 2025 के CBI कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की थी।
  • ट्रायल कोर्ट ने आरोप तय करने की प्रक्रिया को स्थगित करने से इनकार कर दिया और 30 अक्टूबर 2025 की तारीख तय की थी।
  • हुड्डा ने 9 अक्टूबर 2025 को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिससे प्रक्रिया रुकी हुई थी।
  • हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि सह-आरोपियों पर लगी रोक का अर्थ यह नहीं कि हुड्डा पर मुकदमे को रोका जाए।
  • कोर्ट ने कहा कि अरोप तय करने और सबूत दर्ज करने की प्रक्रिया जारी रह सकती है।

🔹 मानेसर लैंड स्कैम का मामला

  • मामला 2004 का है। हरियाणा सरकार ने 27 अगस्त 2004 को मानेसर, लखनौला और नौरंगाबाद गांवों में 912 एकड़ जमीन अधिग्रहित की।
  • जांच में पाया गया कि जमीन मालिक डर के कारण अपनी जमीनें बहुत कम दामों पर बेचने को मजबूर हुए।
  • इससे सरकार को करीब 1,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
  • CBI के अनुसार, 24 अगस्त 2007 को तत्कालीन उद्योग निदेशक ने सरकारी नीति का उल्लंघन करते हुए जमीन मालिकों की बजाय खरीदारों को जमीन लौटा दी।
  • CBI ने सितंबर 2015 में जांच शुरू की और 2018 में 34 आरोपियों के खिलाफ 80,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें हुड्डा भी शामिल थे।

🔹 हुड्डा की दलील और हाईकोर्ट की खारिजी

  • हुड्डा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चार पूर्व आईएएस अधिकारियों पर रोक लगाई थी, इसलिए उनके खिलाफ भी कार्यवाही रोकी जानी चाहिए।
  • उनका कहना था कि सभी आरोप आपस में जुड़े हैं और अलग-अलग नहीं चलाए जा सकते।
  • हाईकोर्ट ने यह तर्क खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट की रोक केवल उन्हीं आरोपियों पर लागू होती है जिन्होंने वहां याचिका दायर की थी।
  • अब हुड्डा को CBI कोर्ट में आरोप तय होने की प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा।

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