Wednesday, December 17

जॉर्डन की शाही राजकुमारी का भारत से अनोखा कनेक्शन: कोलकाता में जन्मीं सरवत अल हसन

कोलकाता/जॉर्डन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक जॉर्डन यात्रा ने भारत और हाशमी साम्राज्य के बढ़ते संबंधों पर दुनिया का ध्यान केंद्रित किया है। इस यात्रा के दौरान भारत-जॉर्डन के राजनयिक संबंधों में गर्मजोशी और व्यक्तिगत कनेक्शन भी उजागर हुए। खास बात यह है कि जॉर्डन की शाही राजकुमारी सरवत अल हसन का जन्म भारत के कोलकाता में हुआ था।

This slideshow requires JavaScript.

सरवत अल हसन का जीवन परिचय:
राजकुमारी सरवत का जन्म 1947 में स्वतंत्रता-पूर्व भारत के कोलकाता में प्रभावशाली सुहरावर्दी परिवार में हुआ था। उनके पिता मोहम्मद इकरामउल्लाह भारतीय सिविल सेवा में थे और बाद में पाकिस्तान के पहले विदेश सचिव बने। उनकी माता बेगम शास्ता सुहरावर्दी इकरामउल्लाह पाकिस्तान की पहली महिला सांसदों में से एक थीं और मोरक्को में राजदूत भी रह चुकी थीं।

शाही जीवन की शुरुआत:
माता-पिता के राजनयिक कार्यों के कारण सरवत कई देशों में पली-बढ़ीं। उन्होंने यूनाइटेड किंगडम, विशेषकर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की। 1968 में उनका विवाह जॉर्डन के युवराज हसन बिन तलाल से कराची में हुआ। इसके बाद राजकुमारी सरवत जॉर्डन शाही परिवार की एक प्रभावशाली सदस्य बनीं और शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक कल्याण और स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

भारत से जुड़े रहने का प्रतीक:
राजकुमारी सरवत सार्वजनिक अवसरों पर अक्सर साड़ी पहनती हैं, जो उनकी भारतीय जड़ों के साथ जुड़ाव को दर्शाता है। 2015 में उन्हें बाथ विश्वविद्यालय से शिक्षा में मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया। उनके और युवराज हसन के चार बच्चे हैं।

भारत-जॉर्डन संबंधों में ऐतिहासिक आयाम:
सरवत अल हसन की कहानी यह दिखाती है कि भारत और जॉर्डन के बीच संबंध केवल राजनयिक नहीं, बल्कि पारिवारिक और ऐतिहासिक रूप से भी गहरे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की जॉर्डन यात्रा इस कनेक्शन को और मजबूत करती है।

Leave a Reply