
गया (बिहार)। बिहार के गयाजी जंक्शन पर सोमवार सुबह एक असाधारण और भावुक कर देने वाला दृश्य सामने आया, जब ट्रेनों की आवाज़ और यात्रियों की भीड़ के बीच प्लेटफॉर्म संख्या 2 और 3 को जोड़ने वाले फुट ओवर ब्रिज पर एक महिला ने बेटी को जन्म दिया। अचानक शुरू हुई प्रसव पीड़ा के बाद मौके पर मौजूद यात्रियों, रेलवे सुरक्षा बल और ‘मेरी सहेली’ टीम की तत्परता से जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, महिला को अचानक तेज प्रसव पीड़ा उठी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यात्रियों ने आनन-फानन में कपड़ों की अस्थायी दीवार बनाकर निजता सुनिश्चित की। आसपास मौजूद महिलाओं ने साहस दिखाते हुए प्रसव में मदद की। इसी दौरान सूचना पाकर रेलवे सुरक्षा बल मौके पर पहुंचा और तुरंत चिकित्सा सहायता की व्यवस्था की गई।
सूचना मिलते ही ऑन-ड्यूटी आरक्षी धर्मेंद्र कुमार ने सहायक उप निरीक्षक पवन कुमार को अवगत कराया। इसके बाद ‘मेरी सहेली’ टीम की महिला आरक्षी सोनिका कुमारी को बुलाया गया, जिन्होंने गर्भवती महिला ममता देवी को ढांढस बंधाया और प्रसव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्टेशन मास्टर को भी सूचित कर मेडिकल टीम को अलर्ट किया गया।
कुछ ही देर में रेलवे मंडल अस्पताल के डॉक्टर रवि कुमार पांडेय अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और नवजात तथा मां का प्राथमिक उपचार किया। डॉक्टरों के अनुसार मां और नवजात दोनों स्वस्थ हैं और खतरे से बाहर हैं।
जानकारी के मुताबिक, ममता देवी पिपरा गांव (थाना बेला) की रहने वाली हैं। उनकी सास कारी देवी ने बताया कि वे महिला को आगे के उपचार के लिए बेला मेडिकल अस्पताल ले जा रहे हैं, जहां परिजनों की देखरेख में इलाज जारी रहेगा।
इस घटना ने एक बार फिर यात्रियों और रेलवे कर्मियों की मानवीय संवेदनशीलता और तत्परता को उजागर किया है। साथ ही, स्टेशन परिसरों में आपात प्रसूति सुविधाओं की आवश्यकता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।