
नई दिल्ली: सरकार और एलआईसी अपनी हिस्सेदारी बेचकर आईडीबीआई बैंक से बाहर निकलने की तैयारी कर रहे हैं। इस बैंक में कुल 60.72% हिस्सेदारी बिकने जा रही है। फाइनेंशियल बोली जमा करने की आखिरी तारीख इस साल दिसंबर के अंत तक है।
खरीदने की होड़:
रिपोर्ट के मुताबिक, टोरंटो की फेयरफैक्स फाइनेंशियल इस दौड़ में सबसे आगे है। इसके अलावा, कोटक महिंद्रा बैंक भी कंट्रोलिंग स्टेक खरीदने की होड़ में शामिल है। फेयरफैक्स फाइनेंशियल की स्थापना भारतीय मूल के कनाडाई अरबपति प्रेम वत्स ने की थी। बैंक के मौजूदा बाजार मूल्य के हिसाब से ऑल-कैश ऑफर देने पर विचार किया जा रहा है, जिससे फेयरफैक्स इस प्रक्रिया में पसंदीदा बन सकती है।
आईडीबीआई बैंक की कमाई और प्रदर्शन:
वित्तीय वर्ष 2025 में बैंक की इनकम 34,000 करोड़ रुपये और नेट प्रॉफिट 7,588 करोड़ रुपये रहा। इसके अलावा, आईडीबीआई बैंक के शेयर इस साल अब तक लगभग 25% बढ़ चुके हैं, और वर्तमान में इसका मार्केट कैप 1.02 लाख करोड़ रुपये है। शुक्रवार को शेयर करीब 3% की तेजी के साथ 97.85 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।
स्टेक की कीमत:
भारत सरकार और एलआईसी की कुल 60.72% हिस्सेदारी की कीमत लगभग 7 अरब डॉलर आंकी जा रही है। कोटक महिंद्रा बैंक कैश और शेयर कंबिनेशन के साथ बोली लगाने पर विचार कर रहा है।
अन्य संभावित निवेशक:
एमिरेट्स एनबीडी ने भी आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी खरीदने में रुचि दिखाई थी, लेकिन अब वह अपनी भागीदारी पर फिर से विचार कर रहा है। फेयरफैक्स फाइनेंशियल और कोटक महिंद्रा बैंक ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
बैंकिंग सेक्टर में रणनीतिक कदम:
सरकार ने तीन साल पहले ही आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी बेचने की मंशा जताई थी। इसके बाद से बैंक के शेयरों में तीन गुना तेजी आ चुकी है। अब हिस्सेदारी बिक्री के बाद यह बैंक निजी निवेशकों के हाथों में नियंत्रित हो जाएगा।