
नई दिल्ली: बहुत से लोग सोचते हैं कि रिटायरमेंट के समय दो करोड़ रुपये का कोर्पस तैयार कर लेने से वे आराम से और बेफिक्र जिंदगी बिताएंगे। लेकिन लगातार बढ़ती महंगाई इस धारणा को बदल सकती है। Zactor के फाउंडर CA अभिषेक वालिया ने बताया कि कैसे एक आम मिडिल-क्लास लाइफस्टाइल भी समय के साथ बहुत महंगी हो सकती है।
दो करोड़ का फंड क्यों कम पड़ सकता है
- वालिया ने अपने एक दोस्त का उदाहरण देते हुए बताया कि 60 साल की उम्र के बाद 50,000 रुपये मासिक खर्च वाले जीवन को बनाए रखना संभव नहीं रहेगा।
- महंगाई दर 6% मानकर 30 साल बाद वही खर्च 2,87,175 रुपये प्रति माह तक पहुंच जाएगा।
- इसका मतलब है कि साल भर में केवल मौजूदा लाइफस्टाइल बनाए रखने के लिए 34,46,095 रुपये की जरूरत होगी।
- इसमें फॉरेन हॉलिडे, लग्जरी अपग्रेड या मेडिकल इमरजेंसी के खर्च शामिल नहीं हैं।
रिटायरमेंट की अवधि का असर
- आजकल लोग रिटायरमेंट के बाद 25 से 30 साल तक जी रहे हैं, इसलिए रिटायरमेंट फंड को इतने लंबे समय तक पर्याप्त रहना चाहिए।
- 2 करोड़ रुपये का फंड आज भले ही बड़ा लगे, लेकिन महंगाई के प्रभाव और लंबे समय तक खर्च को देखते हुए यह पर्याप्त नहीं होगा।
क्या करना चाहिए
- जल्दी रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू करें।
- निवेश को महंगाई के हिसाब से बढ़ाने वाले विकल्पों में डालें, जैसे इक्विटी, PPF, रियल एस्टेट, म्यूचुअल फंड्स।
- अपने मासिक खर्च और भविष्य की महंगाई को ध्यान में रखते हुए लक्ष्यित कोर्पस तय करें।
इस हिसाब से, सिर्फ दो करोड़ रुपये का फंड जमा करना पर्याप्त नहीं है। रिटायरमेंट में सुरक्षित और बेफिक्र जिंदगी के लिए हर महीने के खर्च और लंबी अवधि के निवेश की योजना बनाना ज़रूरी है।