Tuesday, December 2

बुजुर्गों में फ्रैक्चर का असली कारण: हड्डियों की कमजोरी, Dr. Subhasis ने बताया आसान बचाव तरीका

अक्सर बुजुर्गों में फ्रैक्चर की खबर सुनते ही दिमाग में चोट या गिरने का ख्याल आता है। लेकिन पश्चिम बंगाल के मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड के चीफ ऑफ लेबोरेट्री ऑपरेशन Dr. Subhasis Saha के अनुसार, बुजुर्गों में फ्रैक्चर का असली कारण हड्डियों में ताकत की कमी है। हल्की चोट या गिरना भी उनके लिए गंभीर हो सकता है।

उम्र बढ़ने पर हड्डियां क्यों कमजोर होती हैं?

  • उम्र बढ़ने पर हड्डियों से कैल्शियम और मिनरल्स कम हो जाते हैं।
  • इससे हड्डियां पतली और कमजोर हो जाती हैं, जिसे ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं।
  • हिप, कलाई और स्पाइन में फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।

हड्डियों की कमजोरी के कारण

  • कैल्शियम, विटामिन D और प्रोटीन की कमी
  • धूप न लेना → विटामिन D की कमी
  • एक्सरसाइज की कमी → बोन डेंसिटी और मसल्स कमजोर
  • क्रोनिक बीमारियां जैसे किडनी, थायराइड, हार्मोन असंतुलन
  • लंबे समय तक स्टेरॉइड या अन्य दवाओं का सेवन

रुटीन ब्लड टेस्ट से क्या पता चलता है?

  • विटामिन D लेवल → कैल्शियम अवशोषण में मदद
  • कैल्शियम लेवल → हड्डियों का प्रमुख घटक
  • थायराइड फंक्शन → बोन ब्रेकडाउन में तेजी
  • पैराथायराइड हार्मोन (PTH) → कैल्शियम संतुलन
  • किडनी फंक्शन → कैल्शियम-विटामिन D संतुलित
  • प्रोटीन लेवल → बोन रिपेयरिंग और बिल्डिंग

बचाव और मजबूती के उपाय

  • ब्लड टेस्ट में कमी पाए जाने पर डॉक्टर सप्लीमेंट दे सकते हैं।
  • ऑस्टियोपोरोसिस की दवा नियमित लें।
  • गिरने-चोट लगने का खतरा कम करने के लिए सावधानियां अपनाएं।

बुजुर्गों के परिवार की जिम्मेदारियां

  • सालाना चेकअप करवाने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • डायट में दूध, दही, चीज़, नट्स, हरी सब्जियां, मछली और अंडे शामिल करें।
  • रोजाना 15–20 मिनट धूप लें।
  • योगा, वॉकिंग और हल्की स्ट्रेचिंग करें।
  • घर में पर्याप्त रोशनी और हैंडरेल लगवाएं।
  • डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाओं में बदलाव करें।

Dr. Subhasis का यह आसान तरीका हड्डियों को मजबूत बनाकर बुजुर्गों में फ्रैक्चर का खतरा कम करने में मदद करता है।

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