
प्रेग्नेंसी के दौरान कई बार महिलाओं की स्थिति नाजुक हो जाती है। ऐसे समय में पति का साथ उनकी ताकत बन जाता है। ऐसा ही एक मामला गायनेकोलॉजिस्ट Dr. समरा मसूद के पास आया, जहां डिलीवरी के दौरान महिला का ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ गया और बच्चे की धड़कन असामान्य हो गई।
बचाव के लिए तुरंत सी-सेक्शन
डॉ. समरा बताती हैं कि महिला की हालत गंभीर होने के कारण तुरंत इमरजेंसी सी-सेक्शन करना पड़ा। इस दौरान महिला का पति हर समय अपनी पत्नी के पास खड़ा रहा और उसकी हर जरूरत का ध्यान रखा।
पति की फिक्र ने बनाया विश्वास और सुरक्षा का माहौल
डिलीवरी के बाद छह दिनों तक अस्पताल में महिला का पति हर रोज़ सुबह-शाम उसकी तबियत पूछता और डॉक्टर से लगातार जानकारी लेता रहा। वह सिर्फ हाथ जोड़कर अपनी पत्नी के ठीक होने की दुआ करता और उसे भरोसा दिलाता रहा कि सब ठीक होगा। डॉ. मसूद कहती हैं, “जब पति की फिक्र और साथ इतना निष्ठावान होता है, तो यह अपने आप में एक बड़ी blessing है।”
हर महिला को ऐसे जीवनसाथी की जरूरत
डॉ. मसूद का कहना है कि हर महिला अपने जीवन में ऐसे पति की हकदार है, जो मुश्किल घड़ी में उसका साथ दे और उसकी सुरक्षा व स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे।
इस कहानी से यह स्पष्ट होता है कि प्रेग्नेंसी के कठिन समय में पति का साथ न सिर्फ मानसिक सहारा देता है, बल्कि महिला और बच्चे की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।