
महिलाओं के लिए बच्चेदानी में गांठ (Uterine Fibroids) बनना एक गंभीर चिंता का विषय हो सकता है। हालांकि अधिकांश गांठ कैंसर मुक्त होती हैं, लेकिन दर्द, भारीपन और अन्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ आदतें और खाने-पीने की चीजें इस खतरे को बढ़ा सकती हैं।
यूटेराइन फाइब्रोइड्स क्या हैं?
फाइब्रोइड्स मांसपेशियों और फाइब्रस कनेक्टिव टिश्यू से बनी गांठें होती हैं। ये गर्भाशय के अंदर या बाहर दोनों जगह बन सकती हैं। इनके आकार छोटे चावल के दाने से लेकर नींबू के जितने बड़े भी हो सकते हैं।
गांठ बनने के कारण
- यूटेराइन फाइब्रोइड्स के सटीक कारण का पता नहीं चला है।
- शोध बताते हैं कि एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिकता असामान्य सेल्स बढ़ा सकती है।
- परिवार में पहले से यह बीमारी होने पर खतरा बढ़ सकता है।
खाने-पीने और जीवनशैली से खतरा
- रेड मीट का अधिक सेवन
- वजन ज्यादा होना
- उच्च रक्तचाप (BP)
- परिवार में पहले से फाइब्रोइड्स होना
विशेषकर ठंड के मौसम में अधिक खाने की आदत फाइब्रोइड्स के खतरे को बढ़ा सकती है।
लक्षण जो संकेत देते हैं
- पेट में भारीपन और निचली कमर में दर्द
- पेल्विक मसल्स में दर्द
- पीरियड्स के बीच में ब्लीडिंग
- हैवी या लंबे समय तक होने वाली मेन्स्ट्रुअल ब्लीडिंग
- कब्ज या पेट साफ करने में कठिनाई
प्रेग्नेंसी पर असर
- आमतौर पर गर्भधारण में बाधा नहीं आती।
- गंभीर मामलों में इन्फर्टिलिटी, संबंध बनाने में तकलीफ और गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है।
सलाह और सावधानियां
- रेड मीट और वजन बढ़ाने वाली चीजों का सेवन कम करें।
- नियमित चेकअप कराएं।
- लक्षण दिखने पर तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। एनबीटी इसकी सत्यता या असर की जिम्मेदारी नहीं लेता। किसी भी तरह की दवा या इलाज के लिए सिर्फ डॉक्टर की सलाह लें।