Monday, November 24

गोरखपुर: बेटों की बेशर्मी से मां का शव फ्रीजर में, बुजुर्ग पिता और गांव वाले हुए स्तब्ध

गोरखपुर/जौनपुर: उत्तर प्रदेश से दिल झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। गोरखपुर के भुआल गुप्ता और उनकी पत्नी शोभा देवी की मौत के बाद बेटों ने मां के शव को घर लाने से मना कर दिया और कहा कि इसे फ्रीजर में रखवा दो, क्योंकि घर में शादी है। यह सुन पिता भुआल गुप्ता जार-जार रो पड़े।

भूतपूर्व गृहस्थ जीवन और आश्रम का सहारा
68 वर्षीय भुआल गुप्ता और 65 वर्षीय शोभा देवी लंबे समय तक अपने गांव में रहते थे। कुछ साल पहले बेटों ने माता-पिता को बोझ बताया और घर छोड़ने के लिए कहा। निराश दंपति जौनपुर स्थित वृद्ध आश्रम में रहने लगे, जहां वे अपनी आखिरी उम्र गुजार रहे थे।

पत्नी की अचानक मृत्यु और बेटों की हठधर्मिता
19 नवंबर को शोभा देवी की तबियत बिगड़ गई और अस्पताल में उनका निधन हो गया। पिता ने बेटे को सूचना दी तो जवाब मिला कि बड़े बेटे के लड़के की शादी है, इसलिए लाश घर लाने से अपशकुन होगा। पिता स्तब्ध रह गए।

बेटियों की पहल पर अंतिम संस्कार
बेटियों ने वृद्ध पिता की बात मानकर मां की लाश गांव तक पहुंचाई। ग्रामीणों की मदद से शव को राजघाट के किनारे मिट्टी में दफनाया गया। पंडित ने सुझाव दिया कि बाद में पुतला बनाकर अंतिम संस्कार किया जा सकता है।

भुआल गुप्ता का दर्द
रोते हुए भुआल गुप्ता ने कहा, “अखिर किस मनहूस घड़ी में मैंने ऐसे कपूतों को जन्म दिया, जो जीते जी हमारा सहारा नहीं बन सके और मौत के बाद भी मां का अंतिम संस्कार नहीं कर पाए। भगवान किसी को ऐसी संतान न दे।”

गांव वालों का आक्रोश
घटना के बाद ग्रामीण स्तब्ध और आक्रोशित हैं। राम प्रसाद नामक बुजुर्ग ने कहा, “कैसे कोई जीते जी अपने माता-पिता को बेघर कर सकता है? थू है ऐसे लोगों पर। हम उनसे अपना सारा नाता तोड़ रहे हैं।”

निष्कर्ष: यह घटना न केवल पारिवारिक बंधनों की हृदय विदारक भूल को उजागर करती है, बल्कि सामाजिक और नैतिक मूल्यों पर भी सवाल खड़ा करती है।

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