
इस्लामाबाद/नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार डील अब अपने अंतिम चरण में पहुँच चुकी है। अमेरिकी टैरिफ के चलते भारत पर 50% शुल्क लागू है, लेकिन उम्मीद है कि इस डील के लागू होने के बाद टैरिफ में बड़ी कटौती होगी। इस पूरी प्रक्रिया पर पाकिस्तान समेत दक्षिण एशियाई देशों की भी पैनी नजर है।
ट्रेड डील के फायदे और क्षेत्रीय असर
भारत-अमेरिका के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि समझौता नवंबर के अंत तक फाइनल किया जा सकता है। यदि यह सफल रहा, तो दोनों देशों के बीच व्यापार 2030 तक 500 अरब डॉलर तक पहुँच सकता है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने राजनयिक सूत्रों के हवाले बताया कि पाकिस्तान और अन्य क्षेत्रीय देश इस डील को दक्षिण एशिया के अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ाने का संकेत मान रहे हैं। पाकिस्तानी पक्ष चाहता है कि अमेरिका भारत की तरह ही इलाके के अन्य देशों के साथ समान व्यवहार करे।
अमेरिका ने लगाया 50% टैरिफ
भारत पर अमेरिकी टैरिफ अब 50% हो चुका है, जबकि पाकिस्तान पर केवल 19% टैरिफ लागू है। जुलाई 2025 में अमेरिका और पाकिस्तान के बीच ट्रेड डील बनी थी, जिसके तहत पाक अधिक सामान अमेरिका भेज पा रहा है। वहीं, रूस से तेल आयात कम करने के बाद भारत के लिए टैरिफ में कमी की संभावना बढ़ गई है।
पाकिस्तान की सतर्क रणनीति
पाकिस्तानी राजनयिक अभी किसी बड़ी घोषणा से बच रहे हैं और भारत-अमेरिका डील के अंतिम रूप लेने का इंतजार कर रहे हैं। वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने अक्टूबर में अमेरिका का दौरा किया और विश्व बैंक बैठक में शामिल हुए। पाकिस्तानी अधिकारी यह समझना चाहते हैं कि अमेरिका से आने वाले कच्चे माल पर टैरिफ कटौती का लाभ कैसे उठाया जा सकता है।
विश्लेषक की राय:
विश्लेषकों के अनुसार, भारत-अमेरिका डील दक्षिण एशिया में व्यापार संतुलन और राजनीतिक प्रभाव दोनों को बदल सकती है। पाकिस्तान इस डील के अंतिम परिणामों का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।