Monday, November 24

SIR में 57% डिजिटाइजेशन के साथ देश में शीर्ष पर एमपी, लेकिन चार बीएलओ की मौतों ने बढ़ाई चिंता

भोपाल, 24 नवंबर 2025
मध्य प्रदेश ने चुनावी मतदाता सूची के डिजिटलीकरण में महत्वपूर्ण प्रगति दर्ज की है। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के तहत राज्य में अब तक 57.05% डिजिटाइजेशन पूरा हो चुका है, जिसके साथ एमपी उन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चौथे स्थान पर है जहां यह अभियान चल रहा है। पांच करोड़ से अधिक मतदाताओं वाले बड़े राज्यों में प्रदेश केवल राजस्थान से पीछे है, यानी प्रभावी रूप से दूसरे स्थान पर है।

काम के बीच चार बीएलओ की मौत से उठे सवाल

इस उपलब्धि के बीच ड्यूटी पर तैनात चार बूथ-लेवल ऑफिसर्स (BLOs) की मौत ने चिंता बढ़ा दी है।

  • 11 नवंबर से अब तक हुई इन मौतों में सभी सरकारी स्कूल शिक्षक थे।
  • परिजनों का आरोप है कि काम का दबाव, लंबी ड्यूटी और समयसीमा को लेकर तनाव उनकी मौतों की वजह बना।
  • दतिया, दमोह, रायसेन और अलीराजपुर जिलों में ये घटनाएं सामने आईं।

अधिकारियों का कहना है कि मौतों के कारणों की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस जांच के बाद ही स्पष्ट होगी।

65 हजार से अधिक बीएलओ तैनात

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार—

  • प्रदेश में 65,014 बीएलओ मतदाता सूची को अपडेट करने में लगे हैं
  • 5.73 करोड़ मतदाताओं को फॉर्म वितरित किए गए
  • 23 नवंबर तक इनमें से 3.27 करोड़ फॉर्म डिजिटाइज किए जा चुके थे

बीएलओ की मौतों को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा और चुनाव विभाग स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।

देशभर की स्थिति

SIR प्रक्रिया में अब तक सबसे आगे—

  • लक्षद्वीप – 88.20%
  • गोवा – 69.38%
  • राजस्थान – 65.52%
    मध्य प्रदेश इन तीनों से पीछे है, लेकिन मतदाताओं की संख्या को देखते हुए बड़े राज्यों में प्रदर्शन उल्लेखनीय माना जा रहा है।

अन्य राज्यों की प्रगति:

  • गुजरात – 49.62%
  • पुडुचेरी – 51.24%
  • छत्तीसगढ़ – 40.83%
  • तमिलनाडु – 40.40%
  • पश्चिम बंगाल – 47.72%
  • उत्तर प्रदेश – 19.02%
  • केरल – 15.92%

क्या है SIR?

SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) का उद्देश्य—

  • घर-घर सर्वे के माध्यम से मतदाता सूची को त्रुटि-मुक्त बनाना
  • बीएलओ द्वारा फॉर्म को डिजिटाइज कर रिकॉर्ड अपडेट करना

जिन मतदाताओं को फॉर्म नहीं मिला है, वे ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं।
बीएलओ की जानकारी राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) की वेबसाइट और राष्ट्रीय मतदाता खोज पोर्टल पर उपलब्ध है।
मध्य प्रदेश की प्रगति उत्साहजनक जरूर है, लेकिन बीएलओ की मौतों ने इस अभियान में मानवीय पहलू को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सबकी नजर आगे की कार्यवाही और जांच रिपोर्ट पर है।

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