Thursday, November 20

दिल्ली ब्लास्ट के बाद वेस्ट यूपी की मीट फैक्ट्रियों का कश्मीर कनेक्शन, खुफिया एजेंसियों ने खोला जांच का नया मोर्चा

मेरठ/शादाब रिज़वी। राजधानी दिल्ली के लाल किले के पास हुए बम ब्लास्ट के बाद सुरक्षा एजेंसियों की नजर वेस्ट यूपी की मीट फैक्ट्रियों पर है। खुफिया एजेंसियां यहाँ तैनात कश्मीरी सुरक्षा गार्डों और छात्रों की व्यक्तिगत और वित्तीय गतिविधियों की पड़ताल में जुट गई हैं।

मीट फैक्ट्रियों में कश्मीरी सिक्योरिटी गार्डों की जांच

सूत्रों के अनुसार, मेरठ, सहारनपुर, हापुड़, गाजियाबाद, अमरोहा, बुलंदशहर, बरेली और अलीगढ़ सहित वेस्ट यूपी की कई मीट फैक्ट्रियों में सुरक्षा का जिम्मा कश्मीर मूल के गार्ड संभालते हैं। खुफिया एजेंसियां इन गार्डों की पहचान, पुराने रिकॉर्ड, आने-जाने की गतिविधियों, मुलाकातों और मोबाइल कॉल डिटेल की जांच कर रही हैं। साथ ही उनके बैंक अकाउंट और डिजिटल लेन-देन का विश्लेषण भी किया जा रहा है।

डिजिटल और वित्तीय कनेक्शन पर भी फोकस

सूत्रों ने बताया कि कई मीट फैक्ट्रियों में बिना पुलिस सत्यापन के कश्मीरी गार्ड रखे गए हैं। हाल ही में बरेली और संभल में ईडी और आयकर विभाग की रेड में खुलासा हुआ कि निजी सुरक्षा कंपनियों के माध्यम से इस्लामिक कट्टरपंथी संगठनों को फंडिंग हो रही थी।

सहारनपुर बन रहा जांच का केंद्र

दिल्ली ब्लास्ट के संदर्भ में सहारनपुर जिले के डॉक्टर आदिल अहमद की गिरफ्तारी के बाद से जम्मू-कश्मीर पुलिस, दिल्ली पुलिस, एटीएस, एसटीएफ और आईबी सक्रिय हैं। जिले के करीब 20 चिकित्सक और मेडिकल छात्र रडार पर हैं। निजी यूनिवर्सिटी और मदरसों में पढ़ रहे छात्र भी जांच की दायरे में हैं।

एक छात्र अहमद रजा से दिल्ली पुलिस ने पूछताछ की, जो सहारनपुर निवासी है। उसके परिवार और रिश्तेदारों की गतिविधियों की भी खुफिया तरीके से समीक्षा की जा रही है।

सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता बढ़ी

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि दिल्ली ब्लास्ट के बाद वेस्ट यूपी में कश्मीरियों की गतिविधियों की निगरानी बेहद जरूरी है। इस मोर्चे पर चल रही जांच से यह पता लगाया जाएगा कि कहीं आतंकवादी कनेक्शन और फंडिंग का कोई लिंक तो नहीं है।

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