Thursday, November 20

अल फलाह यूनिवर्सिटी के रेकॉर्ड्स से खुल रहे दफन राज: दिल्ली ब्लास्ट केस में डॉ. शाहीन, डॉ. मुजम्मिल और डॉ. उमर जांच के घेरे में

दिल्ली ब्लास्ट मामले में लगातार नए खुलासे सामने आ रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के पाँच साल के रेकॉर्ड खंगालने शुरू कर दिए हैं। एजेंसियों का दावा है कि गिरफ्तार आरोपी डॉ. मुजम्मिल शकील, डॉ. शाहीन शाहिद और डॉ. उमर नबी के यूनिवर्सिटी के दौरान के संपर्क और गतिविधियाँ कई सवाल खड़े कर रही हैं।

जांच अधिकारियों के मुताबिक, कश्मीर निवासी मौलवी इरफ़ान अहमद ने मुख्य षड्यंत्रकारियों को कट्टरपंथी बनाने में भूमिका निभाई। इसके बाद सुराग अल फलाह यूनिवर्सिटी की ओर मुड़े, जहाँ से कई महत्वपूर्ण जानकारी जांच एजेंसियों के हाथ लगी है।

डॉ. शाहीन ने करवाई थी डॉ. मुजम्मिल की नियुक्ति

सूत्रों के अनुसार, यूनिवर्सिटी में सबसे पहले मेडिसिन विभाग की एचओडी डॉ. शाहीन शाहिद की नियुक्ति हुई थी। उनकी सिफारिश पर तीन साल पहले पुलवामा निवासी संदिग्ध डॉ. मुजम्मिल शकील को जनरल फिजिशियन के रूप में नियुक्त किया गया। इसके बाद डॉ. उमर नबी भी यूनिवर्सिटी से जुड़ गया।

जांच एजेंसियों को आशंका है कि तीनों ने मिलकर कैंपस में नेटवर्क तैयार किया होगा और अपने करीबी लोगों को कथित रूप से स्लीपर मॉड्यूल की तरह इस्तेमाल किया होगा।

मोबाइल नंबरों की गहन जांच, कई कर्मचारी व छात्र रडार पर

सुरक्षा एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी में कार्यरत कर्मचारियों, अधिकारियों और छात्रों के सैकड़ों मोबाइल नंबर एकत्र किए हैं। इनमें जम्मू-कश्मीर के कई छात्र भी शामिल हैं।
कई ऐसे नंबर मिले हैं जिनसे जम्मू-कश्मीर के संपर्कों पर लगातार बातचीत होती रही है। एजेंसियां अब उन कॉल डिटेल्स की विस्तृत जांच कर रही हैं।

मौलवी इमामुद्दीन से दोबारा पूछताछ

नूंह के सिरोही गांव स्थित मस्जिद के मौलवी इमामुद्दीन को भी दोबारा दिल्ली बुलाकर पूछताछ की गई है। बताया जाता है कि मौलवी के डॉ. मुजम्मिल से संपर्क होने के शक में पहले भी दिल्ली पुलिस ने उसे कुछ समय के लिए हिरासत में लिया था।
गांव के पंच सदस्य शाह हुसैन ने पुष्टि की है कि मौलवी से फिर से पूछताछ की जा रही है।

विस्फोटक श्रीनगर से खरीदे जाने के सुराग

डॉ. मुजम्मिल के किराए के कमरे से बरामद अमोनियम नाइट्रेट में मिलाने वाला विस्फोटक भी जांच का बड़ा आधार बना है। एजेंसियों को दो ऐसे बिल मिले हैं जो बताते हैं कि यह सामग्री सितंबर 2024 में जम्मू-कश्मीर से खरीदी गई थी।
जांचकर्ताओं के अनुसार, लॉजिस्टिक की जिम्मेदारी मुजम्मिल शकील के पास थी।

जांच सोहना तक पहुँची, दो लोग हिरासत में

जांच की कड़ी अब सोहना रायपुर स्थित शाही जामा मस्जिद तक पहुँच गई है। मंगलवार शाम क्राइम ब्रांच ने मस्जिद के मौलाना तैयब हुसैन और उर्दू शिक्षक फरहान को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।
सूत्रों का कहना है कि संदिग्ध डॉ. उमर इस मस्जिद में नमाज पढ़ने आया था, इसलिए एजेंसियां उसके संपर्कों की गहराई से जांच कर रही हैं।

अधिकारियों ने अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियाँ हमले की हर संभावित कड़ी को जोड़कर बड़े नेटवर्क का पता लगाने में जुटी हैं।

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