
राजस्थान में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। बीएलओ पर काम के दबाव और आत्महत्या के मामलों के बीच अब कांग्रेस ने जिला प्रशासन पर नए आरोप जड़कर राजनीतिक तापमान और बढ़ा दिया है। पार्टी का दावा है कि जयपुर में फर्जी तरीके से मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे हैं, और बीएलओ बिना घर जाए कागजी कार्रवाई पूरी कर रहे हैं।
कांग्रेस का आरोप—‘SIR के जरिए वोट छीनने का खेल’
कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट जारी कर कहा कि SIR प्रक्रिया के नाम पर संविधान पर हमला किया जा रहा है। पार्टी का आरोप है कि:
- बीएलओ मतदाताओं के घर जा ही नहीं रहे
- बिना फॉर्म दिए पूरे परिवारों के नाम लिस्ट से गायब कर दिए जा रहे हैं
- चुनिंदा वोटरों को टारगेट कर नाम हटाए जा रहे हैं
कांग्रेस ने इसे मताधिकार पर सीधा प्रहार बताते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में ‘‘लोगों के वोट का अधिकार छीनने नहीं दिया जाएगा।’’
जिला प्रशासन की सफाई—‘नाम अभी काटे ही नहीं गए’
कांग्रेस के आरोपों पर हड़कंप मचते ही जयपुर जिला प्रशासन ने औपचारिक प्रतिक्रिया जारी की। प्रशासन ने कई बिंदुओं पर पूरी प्रक्रिया स्पष्ट की:
- अभी तक किसी भी मतदाता का नाम अंतिम रूप से नहीं हटाया गया
- यह केवल प्रारंभिक सर्वेक्षण की प्रक्रिया है
- गणना फॉर्म भरने की प्रक्रिया 4 दिसंबर तक चलेगी
- बीएलओ कई घरों में दो बार विजिट कर चुके, लेकिन लोग अनुपस्थित मिले
- अब तीसरी बार बीएलओ घर-घर जाएंगे, और वोटर मिलने पर मौके पर ही फॉर्म भरा जाएगा
प्रशासन ने कहा कि SIR प्रक्रिया पारदर्शी है और किसी भी मतदाता का अधिकार प्रभावित नहीं होगा।
बीएलओ की बढ़ती परेशानियाँ—आत्महत्या और हार्ट अटैक के मामले
SIR प्रक्रिया को लेकर बीएलओ लगातार काम के भारी दबाव की शिकायत कर रहे हैं। पहले जयपुर में एक बीएलओ द्वारा आत्महत्या का मामला सामने आया, अब सवाई माधोपुर में बीएलओ हरिओम बैरवा की हार्ट अटैक से मौत ने भी विवाद को और बढ़ा दिया है।
परिजनों का आरोप है कि तहसीलदार के फोन के बाद हरिओम भारी तनाव में आ गए थे, जिसके बाद उन्हें हार्ट अटैक आया।
इस पर कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा:
“मामला हार्ट अटैक का है और कई बार यह प्राकृतिक कारणों से भी होता है।”
हालांकि बीएलओ संगठन इसे प्रशासनिक दबाव का नतीजा बता रहा है।
राजस्थान में SIR पर राजनीति गर्म, विवाद जारी
एक ओर प्रशासन प्रक्रिया को नियमित और सुरक्षित बता रहा है, वहीं कांग्रेस इसे मतदाता सूची के साथ ‘छेड़छाड़’ करार दे रही है।
बीएलओ के बढ़ते तनाव और शिकायतों ने मामले को और संवेदनशील बना दिया है।
आने वाले दिनों में SIR को लेकर यह विवाद और बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।