
कोलकाता: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में टीम इंडिया की पहली पारी सिर्फ 189 रन पर थम गई। पहले दिन जसप्रीत बुमराह की घातक गेंदबाजी ने भारत को मजबूत स्थिति में ला दिया था, लेकिन दूसरे दिन भारतीय बल्लेबाज उसी पिच पर जूझते नजर आए, जिसे भारतीय स्पिनरों के अनुकूल तैयार कराया गया था। नतीजा यह हुआ कि भारत सिर्फ 30 रनों की मामूली बढ़त ही ले सका।
मध्यक्रम की नाकामी से बिखरी उम्मीदें
भारतीय मध्यक्रम का ढहना टीम इंडिया की सबसे बड़ी चिंता साबित हुआ।
- केएल राहुल – 39 रन
- वाशिंगटन सुंदर – 29 रन
- रवींद्र जडेजा – 27 रन
तीनों ने अच्छी शुरुआत करके भी बड़ी पारी नहीं खेली।
इस बीच कप्तान शुभमन गिल गर्दन की ऐंठन के चलते रिटायर्ड हर्ट हो गए, जिसने टीम के संतुलन को और कमजोर कर दिया।
अफ्रीकी स्पिनरों का कोलकाता में जलवा
भारत ने जिस टर्निंग ट्रैक पर बढ़त की उम्मीद की थी, वही पिच दक्षिण अफ्रीका के स्पिनरों के लिए हथियार बन गई।
- साइमन हार्मर ने शानदार टर्न और उछाल से भारत के मिडिल ऑर्डर को झकझोर दिया।
- उन्होंने सुंदर, जडेजा और ध्रुव जुरेल जैसे अहम बल्लेबाजों को आउट किया।
- केशव महाराज ने सेट बल्लेबाज केएल राहुल का विकेट निकालकर दबाव और बढ़ा दिया।
तेज गेंदबाज कोर्बिन बॉश ने भी अहम मौकों पर सफलता दिलाते हुए भारत को बैकफुट पर धकेल दिया।
स्पिन पिच ही बन गई टीम इंडिया की दुश्मन?
भारतीय टीम ने सोचा था कि स्पिनिंग पिच पर उसे फायदा मिलेगा, लेकिन हालात उलटे होते दिख रहे हैं।
भारतीय बल्लेबाजी जिस पिच पर लड़खड़ा गई है, उसी पर दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज लगातार खतरा पैदा कर रहे हैं।
अगर यही स्थिति रही तो मुकाबला भारत के लिए मुश्किल हो सकता है। आखिरी पारी में बल्लेबाजों को बेहद संयम, समझदारी और धैर्य के साथ बल्लेबाजी करनी होगी, क्योंकि पिच धीरे-धीरे और अधिक टर्न लेती जा रही है।
नतीजा: जीत के लिए स्पिन-परीक्षा पास करनी होगी
टीम इंडिया को अब न केवल पिच बल्कि साउथ अफ्रीकी स्पिनरों की चुनौती को भी मात देनी होगी।
मैच भारत के हाथ से फिसल न जाए, इसके लिए अगले दो दिनों में भारतीय बल्लेबाजों की परीक्षा सबसे कठिन होने वाली है।
कोलकाता की पिच पर स्पिन का खेल जारी है—और इस बार दांव टीम इंडिया पर ही भारी पड़ता दिख रहा है।