Saturday, November 15

अंता उपचुनाव में बीजेपी की हार: भजनलाल और वसुंधरा राजे की चुप्पी, मदन राठौड़ ने ली जिम्मेदारी

बारां (राजस्थान): राजस्थान के अंता विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हार का सामना करना पड़ा है। इस हार के बाद पार्टी में सन्नाटा पसरा हुआ है, जबकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस नतीजे पर चुप्पी साध रखी है। दोनों नेताओं ने जहां बिहार चुनाव में अपनी प्रतिक्रियाएं सोशल मीडिया पर दीं, वहीं अंता की हार पर कोई भी टिप्पणी नहीं की।

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदान राठौड़ ने इस हार की पूरी जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा कि यह उनकी और उनकी टीम की जवाबदेही है और पार्टी जनादेश का सम्मान करती है। राठौड़ ने यह भी माना कि सरकार अपने विकास कार्यों को जनता तक प्रभावी रूप से नहीं पहुंचा पाई, जो इस हार का कारण बना।

2 साल में भी अंता की जनता का दिल नहीं जीत पाई भजनलाल सरकार

राजस्थान में भाजपा की सरकार दो साल पहले बनी थी, लेकिन इन दो सालों में पार्टी अंता विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का दिल नहीं जीत पाई। नतीजतन, कांग्रेस उम्मीदवार लक्ष्मी देवी ने बीजेपी के प्रत्याशी मोरपाल सुमन को हरा दिया।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने चुनाव प्रचार में सक्रिय भाग लिया था, और चुनावी वादों के साथ अंता की जनता से संपर्क किया था। भजनलाल शर्मा ने रोड शो के दौरान यह दावा किया था कि यह उपचुनाव “5 साल बनाम 2 साल” का होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि अंता विधानसभा में भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि विकास होगा। लेकिन उनके इन वादों का कोई असर मतदाताओं पर नहीं हुआ, और यह चुनाव परिणाम उनके लिए निराशाजनक साबित हुआ।

वसुंधरा राजे की सक्रियता के बावजूद हार

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अंता उपचुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी। वह चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तक सक्रिय रही थीं और 6 विधानसभा मंडलों के 268 मतदान केंद्रों पर बैक-टू-बैक मीटिंग्स की थीं। इसके अलावा, उन्होंने कई समाजों के प्रतिनिधियों के साथ लंबी चर्चाएं कीं और सोशल मीडिया पर भी मतदाताओं का आभार व्यक्त किया था।

हालांकि, इन तमाम प्रयासों के बावजूद पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। और अब, चुनाव परिणाम आने के बाद वसुंधरा राजे ने इस हार पर कोई बयान नहीं दिया है, जबकि पार्टी के कार्यकर्ता इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि आखिर वह इस हार पर क्या प्रतिक्रिया देती हैं।

बीजेपी को क्यों मिली हार?

बीजेपी के नेता मानते हैं कि सरकार के विकास कार्यों का सही प्रचार-प्रसार नहीं हो सका और पार्टी के स्थानीय उम्मीदवारों ने भी जनता के बीच भरोसा नहीं जीत पाया। इसके अलावा, पार्टी के प्रचार में लगी तमाम कोशिशों के बावजूद, कांग्रेस ने अंता की जनता को अपनी ओर आकर्षित किया।

कुल मिलाकर, अंता उपचुनाव में बीजेपी को मिली हार ने पार्टी को एक बड़ा संदेश दिया है कि अब उसे अपने प्रचार रणनीतियों और जनकल्याण योजनाओं पर नए सिरे से विचार करना होगा।

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