
सीतामढ़ी: बिहार की परिहार विधानसभा सीट इस बार सियासी नज़रों में हॉट सीट बनकर उभरी है। यहां तीन बहुएं आमने-सामने हैं और इनकी लड़ाई को स्थानीय राजनीति का बड़ा झटका माना जा रहा है। खासकर राजद से बागी रितु जायसवाल का पूरा करियर इस चुनाव में दांव पर है।
कल यानी 14 नवंबर को मतगणना होगी और जनता तय करेगी कि कौन बनती है परिहार की नई माननीय। चुनाव प्रचार में इन तीनों बहुओं ने पूरे क्षेत्र में कड़ी मेहनत की है, और उनके समर्थक पंचायतों व गांवों में जाकर वोटरों के आंकड़े जुटा रहे हैं।
पहली बहू: गायत्री देवी – जीत की हैट्रिक का इरादा
भाजपा प्रत्याशी गायत्री देवी इस बार जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं। गायत्री देवी 2015 और 2020 में परिहार सीट जीत चुकी हैं। उनके पति रामनरेश यादव साल 2010 में विधायक बने थे। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार रितु जायसवाल के बागी उम्मीदवार बनने से भाजपा को अप्रत्यक्ष फायदा हो सकता है, क्योंकि रितु के वोट महागठबंधन को बांटेंगे।
दूसरी बहू: स्मिता गुप्ता – राजद की उम्मीद
राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे की पुत्रवधू स्मिता गुप्ता इस बार पार्टी की ओर से चुनावी मैदान में हैं। रामचंद्र पूर्वे पहले विधायक रह चुके हैं और 2010 व 2015 में हार का सामना कर चुके हैं। 2020 में राजद ने रितु जायसवाल को टिकट दिया था, लेकिन अब रितु के बागी होने के कारण स्मिता गुप्ता की जीत आसान नहीं लग रही। अगर स्मिता हारती हैं, तो इसका मुख्य कारण माना जाएगा रितु का निर्दलीय खड़ा होना।
तीसरी बहू: रितु जायसवाल – निर्दलीय लेकिन चुनौती बड़ी
निर्दलीय उम्मीदवार रितु जायसवाल ने परिहार सीट को हॉट सीट बना दिया है। रितु ने हाल ही में अपने क्षेत्र में पेयजल संकट के दौरान टैंकर से पानी की व्यवस्था कराई थी और जनता के बीच खड़ी रहीं। राजद महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष रितु को पार्टी ने बेलसंड सीट का ऑफर दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा कर परिहार से निर्दलीय चुनाव लड़ा। रितु 2020 में विधानसभा और 2024 में लोकसभा चुनाव हार चुकी हैं, लेकिन इस बार उनकी चुनौती राजद प्रत्याशी स्मिता गुप्ता के लिए बड़ी साबित हो सकती है।
निष्कर्ष:
परिहार विधानसभा सीट इस बार तीन बहुओं के संघर्ष का प्रतीक बन गई है। 14 नवंबर को मतगणना के बाद ही तय होगा कि कौन जीतेगी और किसकी मेहनत रंग लाएगी।