Thursday, November 13

AH-64E अपाचे हेलिकॉप्टर: भारत के लिए अमेरिका ने दी देरी, पाकिस्तान और तुर्की के दबाव की आशंका

नई दिल्ली: भारतीय सेना को मिलने वाले 3 AH-64E अपाचे गार्जियन अटैक हेलिकॉप्टरों की डिलीवरी में अचानक देरी आ गई है। अमेरिकी बोइंग की लॉजिस्टिक समस्याओं और तुर्की एवं पाकिस्तान से जुड़े कूटनीतिक दबाव की वजह से कार्गो विमान भारत की ओर लौट आया। यह घटना भारतीय रक्षा मंत्रालय के लिए चिंता का विषय बन गई है।

अमेरिका ने अचानक यू-टर्न लिया

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बोइंग के नजदीकी संयंत्र से अपाचे हेलिकॉप्टरों को An-124 मालवाहक विमान पर लादकर 1 नवंबर को अमेरिका से इंग्लैंड की ओर रवाना किया गया। हेलिकॉप्टर पहले से ही भारतीय सेना के विशिष्ट रेगिस्तानी रंग में रंगे हुए थे। लेकिन इंग्लैंड में आठ दिनों तक रुके रहने के बाद विमान भारत की ओर नहीं बढ़ा और 8 नवंबर को वापस अमेरिका लौट गया।

अपाचे के रोटर भी उतार दिए गए

ब्रिटेन के एयरपोर्ट पर अपाचे को उतारते समय उनके रोटर (घूमने वाले पंख) भी हटा दिए गए। इस रोटरक्राफ्ट में मस्तूल, हब और एयरफाइल ब्लेड होते हैं, जो हेलिकॉप्टर को उड़ान और लिफ्ट प्रदान करते हैं। भारत में पहले तीन बैच के रोटर पहले ही एएन-124 के माध्यम से हिंडन एयरबेस तक पहुँच चुके थे।

तुर्की ने दी हवाई मार्ग मंजूरी से इंकार

यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, विमान इंग्लैंड में इसलिए रुका क्योंकि तुर्की ने AH-64E अपाचे को ले जाने वाले मालवाहक विमान के लिए हवाई क्षेत्र की अनुमति नहीं दी। भारत और तुर्की के बीच कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान के समर्थन को लेकर संबंध तनावपूर्ण हैं।

भारत में तैनाती

मीडिया के अनुसार, अपाचे हेलिकॉप्टर नासिक स्थित भारतीय सेना विमानन प्रशिक्षण विद्यालय में प्रशिक्षण के बाद जोधपुर के नागतलाओ सेना विमानन अड्डे पर तैनात किए जाने थे। भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही 22 अपाचे हेलिकॉप्टर हैं, जो ज्यादातर पठानकोट और असम के जोरहाट एयर बेस पर तैनात हैं।

पिछली डील और अमेरिकी देरी

भारत और अमेरिका के बीच 2020 में 6 अपाचे हेलिकॉप्टर देने की डील हुई थी। पहला बैच देरी के बाद 2025 में मिला। वहीं नवंबर में आने वाला दूसरा और आखिरी बैच अब अमेरिका लौट चुका है।

जेट इंजन तकनीक में भी देरी

अमेरिका जेट इंजन और तकनीक सप्लाई में भारत के लिए भरोसेमंद नहीं रहा है। हाल ही में HAL और GE के बीच 8,870 करोड़ रुपये की डील हुई है, जिसमें 113 जेट इंजन भारत को मिलेंगे। इन इंजनों की डिलीवरी 2027–2032 के बीच होगी, जिससे तेजस फाइटर जेट की तैनाती प्रभावित हो रही है।

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