
पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में तैनात एडीएम (वित्त एवं राजस्व) ऋतु पुनिया को यूपी सरकार ने पद से हटाकर वेटिंग लिस्ट में डाल दिया है। उन्हें लखनऊ मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है।
इस कदम के पीछे प्रमुख वजह मानी जा रही है कि ऋतु पुनिया ने 7 नवंबर को सदर कोतवाली में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के संगठन मंत्री प्रिंस गौड़ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। आरोप था कि प्रिंस ने उन्हें बदनाम करने, रंगदारी मांगने और हमला करवाने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने 8 नवंबर को प्रिंस गौड़ को गिरफ्तार कर जेल भेजा, जिससे राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई।
विहिप के प्रांतीय मंत्री राजेश और देंवेंद्र सिंह ने पीलीभीत पहुंचकर प्रशासन पर पक्षपात के आरोप लगाए। बाद में, प्रिंस गौड़ को जेल से जिला अस्पताल स्थानांतरित किया गया और 11 नवंबर को सीजेएम कोर्ट से जमानत मिल गई।
तेज-तर्रार अफसर के रूप में ऋतु पुनिया की छवि
पीसीएस अफसर ऋतु पुनिया, उत्तर प्रदेश राजस्व सेवा 2012 बैच की अधिकारी हैं और उनकी छवि तेज-तर्रार और कठोर कार्रवाई करने वाली अधिकारी के रूप में रही है।
- अलीगढ़ में अपर नगर आयुक्त: यहां उन्होंने नगर निगम की कार्यशैली में ताबड़तोड़ बदलाव किए, जिससे अफसर और कर्मचारी प्रभावित हुए।
- नगर सफाई संघ से टकराव: रेलवे रोड मामले में संघ पदाधिकारियों के साथ कहासुनी हुई, और उन्हें पीछे हटना पड़ा।
- बदायूं में एडीएम प्रशासन: लगातार प्रशासनिक कार्रवाइयों में सक्रिय रहीं।
- पीलीभीत मंडी निरीक्षण: नवंबर की शुरुआत में मंडी समिति का निरीक्षण करते हुए आढ़ती के माध्यम से धान खरीद रहे केंद्र प्रभारी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। मोबाइल फोन की जांच में आढ़ती के साथ संवाद की चैट मिली, जिससे खलबली मची।
ऋतु पुनिया की यह कठोर और सक्रिय कार्यशैली कई बार विवादों का कारण बनी और उनके खिलाफ राजनीतिक दबाव की वजह से यूपी सरकार ने उन्हें वेटिंग लिस्ट में स्थानांतरित किया।