महाप्रभु वल्लभाचार्य जी के 548वें प्राकट्य महोत्सव पर निकली संकीर्तन प्रभात फेरी

 

“श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी” की धुनों से गूंज उठा पूरा नगर
खिलचीपुर | 24 अप्रैल 2025 | एस.डी. न्यूज़ एजेंसी | संवाददाता – बी.एल. गुर्जर

महाप्रभु श्रीमद वल्लभाचार्य जी के 548वें प्राकट्य महोत्सव के पावन अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद, खिलचीपुर द्वारा गुरुवार को भव्य संकीर्तन प्रभात फेरी का आयोजन किया गया। यह प्रभात फेरी नगर के प्रमुख मार्गों से निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में वैष्णवजन शामिल हुए।

प्रभात फेरी की शुरुआत बड़ी हवेली स्थित श्री कल्याण राय मंदिर से हुई, जहाँ महाप्रभु वल्लभाचार्य जी के चित्र पर पूजन-अर्चन तथा पुष्टि ध्वज की पूजा की गई। इस अवसर पर पुरुष श्रद्धालु पारंपरिक सफेद वस्त्रों में और महिलाएं पीले परिधानों में सजी हुई नज़र आईं।

श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी“, “गोविंद मेरो है, गोपाल मेरो है” जैसे भजनों की मधुर धुनों से वातावरण भक्तिमय हो गया। प्रभात फेरी नगर के विभिन्न मार्गों से होती हुई हवेली श्री गोवर्धननाथ मंदिर पहुँची, जहाँ सामूहिक आरती का आयोजन किया गया और सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद एवं ठंडाई वितरित की गई।

प्रभात फेरी के दौरान वैष्णवजन मधुर भजनों का संकीर्तन करते हुए नगरवासियों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करते दिखे। जगह-जगह नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर प्रभात फेरी का भव्य स्वागत किया। समापन पुनः श्री कल्याण राय मंदिर पर दर्शनों और आरती के साथ हुआ, जिसके पश्चात सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।

इस अवसर पर श्रीनाथदास मेहता ने संबोधित करते हुए कहा,

“पंद्रहवीं शताब्दी में जब सनातन धर्म पर विदेशी आक्रमणों के कारण संकट आया था, उस समय महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य जी का प्राकट्य हुआ। उन्होंने पुष्टि भक्ति मार्ग का प्रचार-प्रसार कर धर्म की रक्षा की। वे श्रीकृष्ण के परम भक्त थे और उनके जीवन का उद्देश्य जन-जन में भक्ति का प्रसार करना था।”

कार्यक्रम में नगर के गणमान्य नागरिक, युवाजन, महिला श्रद्धालु और बड़ी संख्या में वैष्णवजन उपस्थित रहे। पुष्टिमार्गीय परंपरा की यह अनुपम झलक नगरवासियों के लिए एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव बन गई।


 


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