
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में नशीली और एक्सपायरी दवाओं के बड़े गोरखधंधे का खुलासा हुआ है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की आयुक्त डॉ. रोशन जैकब की चार टीमों ने शहर के बिरहाना रोड स्थित अग्रवाल ब्रदर्स की दुकान और कोपरगंज के गोदाम पर छापा मारा। इस दौरान करोड़ों रुपये मूल्य की कोडीन युक्त कफ सिरप, ट्रामाडोल टैबलेट्स और एक्सपायरी दवाएं बरामद की गईं।
पिता-बेटे पर छापा:
अग्रवाल ब्रदर्स के मालिक विनोद अग्रवाल और उनके बेटे शिवम अग्रवाल मौके से फरार हो गए। इनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए अग्रवाल ब्रदर्स, मेडिसिना और एसजीपीएस फर्मों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।
छापेमारी का क्रम:
- आयुक्त को हिमाचल, गाजियाबाद और लखनऊ से इस अवैध कारोबार के सबूत मिले थे।
- छापेमारी के दौरान कोई बिक्री या वितरण रिकॉर्ड नहीं मिला।
- अनियमितता सामने आने पर ड्रग विभाग की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई।
अवैध कारोबार का नेटवर्क:
अग्रवाल ब्रदर्स ने नशे का कारोबार उत्तर प्रदेश और नेपाल तक फैला रखा था। हिमाचल से माल मंगवाकर गाजियाबाद, लखनऊ और कोपरगंज के गोदामों में रखा जाता था। 90 हजार बोतलें नशे के सिरप की खरीदी गई थी। यह सिरप उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बेचा गया और नेपाल तक सप्लाई की गई।
पिता-बेटे की फर्में और साझेदारी:
- विनोद अग्रवाल ने पहले अकेले काम किया, फिर अपने बेटे शिवम अग्रवाल को भी साझेदार बनाया।
- शिवम के लिए मेडिसिना नाम से अलग फर्म और दोस्त अनमोल गुप्ता के साथ साझेदारी की।
- अनमोल गुप्ता की फर्म वेदांश फार्मेसी भी नशे के कारोबार में शामिल थी।
आयुक्त की टिप्पणी:
डॉ. रोशन जैकब ने कहा, “यह अवैध कारोबार सालों से चल रहा था और अफसरों को इसकी भनक तक नहीं लगी थी। अग्रवाल ब्रदर्स के सभी लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे और सभी जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”