
लखनऊ/नई दिल्ली: दिल्ली में लाल किला धमाके के बाद उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस अलर्ट मोड पर आ गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ और डीजीपी राजीव कृष्ण के निर्देशों पर पूरे प्रदेश के सभी जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। लखनऊ जिला जेल में सुरक्षा को किले जैसी अभेद्य स्थिति में बदल दिया गया है, क्योंकि यहां कई आतंकियों को बंद रखा गया है।
लखनऊ जेल में आतंकियों की मौजूदगी
- लखनऊ जिला जेल में 18 से अधिक आतंकी बंद हैं, जिनमें वाराणसी मंदिर हमले और पाकिस्तान-कश्मीर से जुड़े आतंकी शामिल हैं।
- जेल में कुल 3500 से ज्यादा कैदी हैं, जिनमें करीब 50 हाई-रिस्क कैदी शामिल हैं।
- 2007 के रामपुर CRPF कैंप हमले के दोषी पाकिस्तानी आतंकी इमरान शहजाद और मोहम्मद फारूक, वाराणसी संकट मोचन मंदिर धमाके के दोषी वलीउल्लाह और नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार आतंकी मोहम्मद अल्ताफ भट्ट व सैय्यद गजनफर भी यहां कैद हैं।
- जम्मू-कश्मीर से लाए गए आठ और आतंकी भी इसी जेल की बैरक में हैं।
जेल सुरक्षा कड़ा की गई
- जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक, एंट्री गेट, चहारदीवारी और वॉच टॉवर पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात।
- पूरे जेल परिसर की 24 घंटे सीसीटीवी मॉनिटरिंग।
- जेलकर्मियों की तलाशी अनिवार्य कर दी गई है ताकि कोई संदिग्ध वस्तु अंदर न जा सके।
- मुलाकातियों को प्रवेश से पहले आधार कार्ड और पहचान पत्र दिखाना जरूरी।
- कैदियों को मिलने वाला खाद्य और दैनिक उपयोग का सामान कई स्तरों की जांच के बाद ही भेजा जाएगा।
प्रदेशभर में सतर्कता और पुलिस अभियान
- राजधानी लखनऊ से लेकर पूरे प्रदेश में पुलिस फुट मार्च और चेकिंग अभियान चला रही है।
- मेट्रो, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, मॉल और होटल में सुरक्षा अभियान तेज किया गया।
- अधिकारियों ने साफ किया कि किसी भी स्तर पर सुरक्षा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विशेष टिप्पणी: दिल्ली धमाके के बाद यूपी सरकार ने न केवल सड़क सुरक्षा बढ़ाई है, बल्कि जेल और आतंकी नेटवर्क की निगरानी को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। लखनऊ जेल को हाई-रिस्क कैदियों के लिए किले जैसी सुरक्षा व्यवस्था के साथ तैयार किया गया है।