Wednesday, December 31

भू-माफियाओं और भ्रष्ट अफसरों पर एकसाथ वार, विजय सिन्हा के ‘डैशिंग अवतार’ से बढ़ा सियासी ग्राफ

 

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राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा का सख्त और आक्रामक रुख इन दिनों चर्चा में है। भू-माफियाओं के साथ-साथ उन्हें संरक्षण देने वाले अफसरों पर एकसाथ कार्रवाई की चेतावनी ने न केवल प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है, बल्कि उन्हें आम जनता के बीच एक मजबूत और भरोसेमंद नेता के रूप में स्थापित कर दिया है। उनके इस ‘डैशिंग अवतार’ से राजनीतिक ग्राफ तेजी से ऊपर जाता दिख रहा है।

 

भ्रष्टाचार के गढ़ पर सीधा प्रहार

 

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को लंबे समय से भ्रष्टाचार का गढ़ माना जाता रहा है। जमीन की रसीद कटवाने से लेकर दाखिल-खारिज और परिमार्जन तक, हर काम के लिए ब्लॉक स्तर पर ‘तय दर’ की शिकायतें आम रही हैं। उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा की नजर में यही पीड़ित जनता राज्य की सबसे बड़ी ताकत है। उनके सख्त तेवर से वर्षों से रिश्वत और शोषण से जकड़े इस वर्ग को राहत की उम्मीद बंधी है।

 

ब्लॉक स्तर की मनमानी पर लगाम

 

विजय सिन्हा ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि अब ब्लॉक और अंचल कार्यालयों में मनमानी नहीं चलेगी। रिश्वत के बिना काम न करने की परंपरा पर उन्होंने कड़ा रुख अपनाया है। भ्रष्ट अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त भाषा और कार्रवाई से आम लोगों में संतोष और भरोसा बढ़ा है। सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में नारे और प्रतिक्रियाएं लगातार सामने आ रही हैं।

 

एक जिले से पूरे राज्य तक प्रभाव

 

लखीसराय से शुरू हुआ उनका अभियान अब सहरसा तक नई पहचान बना रहा है। अभी केवल कुछ जिलों में कार्यशालाएं आयोजित हुई हैं, लेकिन असर पूरे राज्य में दिखने लगा है। जाति और क्षेत्र की सीमाओं से ऊपर उठकर विभिन्न वर्गों के पीड़ित उन्हें अपना नेता मानने लगे हैं। यही वजह है कि उनका यह अंदाज राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

 

भू-माफियाओं पर सख्त ऐलान

 

भू-माफियाओं से त्रस्त बिहार में उपमुख्यमंत्री का ऐलान जनता के लिए उम्मीद की किरण बना है। विजय सिन्हा ने सोशल मीडिया पर स्पष्ट किया है कि खनन और शराब माफिया की तरह अब हर जिले में भू-माफियाओं की सूची तैयार की जा रही है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन हड़पने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

 

फर्जी दस्तावेज और गलत दाखिल-खारिज पर कार्रवाई

 

उन्होंने कहा कि जाली दस्तावेज, गलत दाखिल-खारिज और नियमों की अनदेखी कर जमीन कब्जाने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। खासकर पुराने जमींदारी क्षेत्रों में फर्जी हुक्मनामों के जरिए जमीन हथियाने वाले गिरोह अब कानून के शिकंजे में होंगे।

 

अफसरों की मिलीभगत पर भी शिकंजा

 

विजय सिन्हा ने साफ शब्दों में कहा है कि भू-माफियाओं से मिलीभगत करने वाले अफसर और कर्मचारी भी कार्रवाई से नहीं बचेंगे। राजस्व कर्मी हों, अंचल अधिकारी हों या किसी भी स्तर के कर्मचारी—सभी की भूमिका की जांच होगी और दोषी पाए जाने पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।

 

 

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