
वर्ष 2025 के अंतिम दिनों में गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का बिगुल फूंक दिया है। जिले में सक्रिय और लंबे समय से पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज 226 हिस्ट्रीशीटरों पर शिकंजा कसने के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। पुलिस का लक्ष्य है कि 31 दिसंबर से पहले सभी वांछित अपराधियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए, ताकि नए साल की शुरुआत सुरक्षित माहौल में हो सके।
सत्यापन के बाद तय किए गए टारगेट
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि बीते महीनों में जिलेभर में बड़े पैमाने पर अपराधियों का सत्यापन अभियान चलाया गया था। इस दौरान हजारों संदिग्धों और सक्रिय अपराधियों का डाटा एकत्र किया गया। जांच के बाद उन 226 हिस्ट्रीशीटरों की पहचान की गई, जिन पर गंभीर आपराधिक मामलों में संलिप्त रहने के पुख्ता आरोप हैं।
24 विशेष टीमें गठित
हिस्ट्रीशीटरों की गिरफ्तारी के लिए जिले के सभी थानों को मिलाकर 24 विशेष पुलिस टीमें गठित की गई हैं।
प्रत्येक टीम में
अनुभवी उपनिरीक्षक,
बीट कॉन्स्टेबल,
और तकनीकी निगरानी से जुड़े पुलिसकर्मी शामिल किए गए हैं।
इन अपराधियों के ठिकानों, संपर्कों और गतिविधियों से जुड़ा डिजिटल प्रोफाइल तैयार किया गया है, ताकि कार्रवाई के दौरान कोई चूक न हो।
लोकेशन ट्रैक, CCTV और मुखबिर तंत्र सक्रिय
एडीसीपी आलोक प्रियदर्शी के अनुसार, बीट स्तर पर तैनात पुलिसकर्मियों को अपने क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
हिस्ट्रीशीटरों की गतिविधियों पर
सीसीटीवी फुटेज,
मुखबिर तंत्र,
और तकनीकी इनपुट के माध्यम से नजर रखी जा रही है।
संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत उच्चाधिकारियों तक पहुंचाई जा रही है।
31 दिसंबर से पहले कोर्ट में पेशी
पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि 31 दिसंबर से पहले सभी वांछित हिस्ट्रीशीटरों की गिरफ्तारी सुनिश्चित कर उन्हें न्यायालय में पेश किया जाए।
पुलिस का मानना है कि यह अभियान न केवल पुराने आपराधिक नेटवर्क को तोड़ेगा, बल्कि 2026 में अपराध पर प्रभावी नियंत्रण की मजबूत नींव भी रखेगा।