
नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने विकसित भारत जी राम जी कानून (VB-G Ram G Act) के विरोध के लिए नई रणनीति तैयार की है। पार्टी कार्यकर्ता शुक्रवार से जमीनी स्तर पर इस कानून के खिलाफ आवाज उठाना शुरू करेंगे। इसके तहत ग्राम सभाओं की बैठकों में उपस्थित होकर कांग्रेस कार्यकर्ता केंद्र सरकार के नए कानून से जुड़ी कथित गलतियों और प्रभावों को ग्रामीणों के सामने रखेंगें।
कार्यकर्ताओं को दिए निर्देश:
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश इकाइयों को निर्देश दिए हैं कि वे ग्राम सभा की बैठकों में बड़ी संख्या में शामिल हों और ग्रामीणों को नए कानून के विरोध में जागरूक करें। पार्टी का कहना है कि यह कानून मनरेगा की जगह आया है, जो पिछले 20 सालों से गरीब और वंचित परिवारों के लिए जीवन रेखा साबित हुआ है। कांग्रेस के अनुसार, नए कानून के तहत काम के अधिकार को बजट नियंत्रित योजना में बदल दिया गया है और मांग आधारित कार्यक्रम खत्म कर दिया गया है।
कांग्रेस का आरोप:
कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह ग्रामीण मजदूरों और लाभार्थियों को गुमराह करने के लिए इस कानून को “गरीबों के हित वाला” बताने का मंच तैयार कर रही है। पार्टी का कहना है कि मनरेगा के नाम पर महात्मा गांधी की परंपरा को नजरअंदाज कर नया कानून लाया गया है, और वित्तीय जिम्मेदारी का एक हिस्सा राज्यों पर डालकर केंद्रीय प्रबंधन से बचने की कोशिश की गई है।
ग्राम सभाओं में जागरूकता अभियान:
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालयों ने राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे ग्राम सभाओं का आयोजन करें और विशेष रूप से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति परिवारों और महिलाओं को नए कानून की विशेषताओं से अवगत कराएँ। कांग्रेस कार्यकर्ता इन बैठकों में सक्रिय रूप से शामिल होकर सरकार के इस कदम के खिलाफ ग्रामीणों में जागरूकता फैलाएंगे।
निष्कर्ष:
मनरेगा की जगह लाए गए जी राम जी एक्ट को लेकर विपक्षी दलों और खासकर कांग्रेस का विरोध तेज है। कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस कानून को वापस कराने के लिए हर स्तर पर जमीनी संघर्ष करेगी और ग्रामीण समाज को इसके संभावित प्रभावों के बारे में सचेत करेगी।