Friday, December 26

‘हम झुकेंगे नहीं-रुकेंगे नहीं’: परमाणु परीक्षण के बाद अटल बिहारी वाजपेयी का साहसिक जवाब

 

This slideshow requires JavaScript.

नई दिल्ली, 26 दिसंबर (नवभारत टाइम्स) – पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का राजनीतिक जीवन आज भी भारतीय राजनीति के लिए प्रेरणा का स्रोत है। भारतीय जनसंघ से भाजपा के गठन तक, उनके नेतृत्व और दूरदर्शिता ने लोकतांत्रिक मूल्यों पर पार्टी की नींव रखी और गैर-कांग्रेसी सरकारों के सफल कार्यकाल की मिसाल कायम की।

 

अडिग रहकर दिखाई भारत की ताकत

पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षण के बाद पश्चिमी देशों ने भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन अटलजी ने साफ शब्दों में अपनी नीतिगत मजबूती दिखाई। उन्होंने प्रेस बयान जारी किए बिना ही एक लाइन में दुनिया को बता दिया – “हम नहीं झुकेंगे, हम नहीं रुकेंगे।” यह उनकी निडरता और राष्ट्रीय आत्मविश्वास का प्रतीक बन गया।

 

लोकतंत्र और गठबंधन का पाठ

अटलजी ने साबित किया कि गैर-कांग्रेसी सरकारें भी अपने कार्यकाल को पूरी कर सकती हैं। उन्होंने 20 से अधिक दलों को साथ लेकर NDA का गठन किया और हमेशा गठबंधन धर्म का पालन किया। उनके लिए विपक्ष दुश्मन नहीं था; देश और जनता हमेशा पार्टी से ऊपर रही।

 

आर्थिक और अवसंरचनात्मक क्रांति

अटलजी ने भारत की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना से दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता को जोड़ने का काम, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए PMGSY योजना, टेलिकॉम क्रांति और FRBM अधिनियम उनके दूरदर्शी निर्णय थे।

 

शांति और साहस का संतुलन

पाकिस्तान के साथ शांति कायम रखने की कोशिशों के बावजूद, करगिल युद्ध में अटलजी ने सेना को पूरी छूट दी और देश को विजय दिलाई। उनके नेतृत्व में भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने अधिकार और सम्मान की रक्षा की।

 

अटलजी का मौन भी भाषण था

उम्दा कवि और दूरदर्शी राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी का मौन भी उतना ही प्रभावशाली था जितना उनके भाषण। आपातकाल में उन्हें जेल भेजा गया, लेकिन उन्होंने कभी प्रतिशोध नहीं लिया। उनके विश्वास और नीति ने देश को स्थिरता और विकास की राह दिखाई।

 

आज भी प्रेरणा हैं अटलजी

अटलजी लखनऊ वालों के लिए सिर्फ एक नेता नहीं थे; वह शहर की हवाओं, कॉफी हाउस की चर्चाओं और तहजीब में आज भी मौजूद हैं। उनके करोड़ों शिष्य, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उनके आदर्शों और दृष्टि को जीवित रखे हुए हैं।

 

अटलजी ने दिखाया कि सच्चा नेतृत्व साहस, संयम और दूरदर्शिता का मेल होता है। उनके शब्द और कार्य आज भी भारतीय राजनीति के लिए मार्गदर्शक हैं।

 

 

Leave a Reply